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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (The subsidy for P&K fertilisers is estimated to be Rs 42,000 crore for the 2022-23 fiscal): बजट सत्र के दूसरे भाग में आज लोकसभा में रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि देश में उर्वरकों पर सब्सिडी कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्री अपने लिखित जवाब में कहा “किसानों पर उर्वरक सब्सिडी कम करने के प्रभाव को समझने के लिए अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है।”
सरकार किसानों को सस्ती दरों पर मिट्टी के पोषक तत्व सुनिश्चित करने के लिए यूरिया और गैर-यूरिया उर्वरक दोनों पर सब्सिडी देती है। यूरिया उर्वरक के संबंध में, मंत्री ने कहा कि किसानों को वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य 242 रुपये प्रति बैग 45 किलोग्राम (नीम कोटिंग और लागू होने वाले करों को छोड़कर) पर यूरिया प्रदान किया जाता है। एक अलग जवाब में, मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकार के पास पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत पीएण्डके (P&K) उर्वरकों की दरों को नियंत्रित करने की कोई योजना नहीं है।
फॉस्फेट (पी) और पोटाशिक (के) उर्वरकों के मामले में, एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के तहत तैयार उर्वरकों के साथ-साथ कच्चे माल की बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी तय की जाती है। पीएण्डके उर्वरक विनिर्माताओं/आयातकों को पंजीकृत को सब्सिडी दी जाती है जो किसानों को सब्सिडी दरों पर इन उर्वरकों को उपलब्ध कराते हैं।
जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पीएण्डके उर्वरकों के लिए सब्सिडी 42,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
पीएण्डके उर्वरक का नाम फॉस्फेट (पी) और पोटाशिक (के) होता है। यह भारत सरकार की फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पी एंड के) नीति है जो उर्वरक विभाग रसायन और उर्वरक मंत्रालय के दायरे में आता है, जिसके प्रमुख कैबिनेट मंत्री होते हैं।
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