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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : वीर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओछी टिप्पणी से महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि राहुल के इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना कांग्रेस से गठबंधन तोड़ सकती है।आपको बता दें, उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत ने कहा कि हम राहुल गांधी के बयान से असहमत हैं। हम सावरकर की इज्जत करते हैं, उनके खिलाफ कुछ भी सुनना पसंद नहीं।
आपको बता दें, आदित्य ठाकरे की कुछ देर में मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वे महाविकास अघाड़ी को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। जानकारी हो, आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र में चल रही राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे और अपना समर्थन दिया था।
ज्ञात हो , सावरकर पर राहुल द्वारा की गई टिप्पणी पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी राहुल गांधी के इस बयान से असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि हमारे मन में वीर सावरकर के लिए बहुत सम्मान और विश्वास है और इसे मिटाया नहीं जा सकता। उद्धव ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वे सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं देते?
ज्ञात हो, राहुल गांधी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के अकोला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सावरकर की चिट्ठी दिखाई। राहुल ने दावा किया कि सावरकर ने ये चिट्ठी अंग्रेजों को लिखी थी। जिसमें उन्होंने खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही थी। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे सालों तक जेल में रहे।
राहुल गांधी ने कहा, ‘ये देखिए मेरे लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट। ये सावरकर जी की चिट्ठी है। इसमें उन्होंने अंग्रेजों को लिखा है। मैं आपका सबसे ज्यादा ईमानदार नौकर बने रहना चाहता हूं। ये मैंने नहीं सावरकर जी ने लिखा है। फडणवीस जी देखना चाहते हैं तो देख लें। सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। सावरकर जी ने ये चिट्ठी साइन की।
राहुल ने ये भी कहा गांधी, नेहरू और पटेल सालों जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर जी ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।’
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