India News (इंडिया न्यूज), CAA को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार प्रतिक्रियाएं दे रही है। एमके स्टालिन और ममता बनर्जी के बाद अब केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू नहीं किया जाएगा।

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संविधान का घोर उल्लंघन

बता दें कि 2019 में जब कानून पारित हुआ तो विजयन ने इसे भेदभावपूर्ण बताया था। विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि इसे केरल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने दो दिन पहले कहा था कि 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आकर बसने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने का कानून संविधान का घोर उल्लंघन है।

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सरकार पर विपक्ष हमलावर

केरल के सीएम ने एक बयान में कहा कि “भारतीय नागरिकता को धर्म के संदर्भ में परिभाषित किया जा रहा है। यह मानवता, देश की परंपराओं और इसके लोगों के लिए एक खुली चुनौती है।” इससे पहले आज गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य इस कानून को लागू होने से नहीं रोक सकता क्योंकि नागरिकता केंद्र का विषय है। ममता बनर्जी और एमके स्टालिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सीएए की अनुमति नहीं देंगे।

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