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इंडिय न्यूज, नई दिल्ली:
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है और इससे पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर संसद के सभी सदस्यों से सत्र के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में सरकार के साथ ही विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मानसून सत्र के दौरान इस बार केवल 14 दिन का समय मिला है और हमें कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा करनी है, इसलिए हमारा प्रयास होगा कि ज्यादा से ज्यादा समय का सदुपयोग हो।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी आने की चचार्एं थीं, लेकिन वह नहीं पहुंचे। कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी ने कहा, प्रधानमंत्री का ये रवैया असंसदीय है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में बैठक हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी व सत्ता और विपक्ष के तमाम नेता बैठक में शामिल हुए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमने सर्वदलीय बैठक में कुल 13 मुद्दे उठाए हैं और इनमें विदेश नीति, जम्मू कश्मीर और कश्मीरी पंडितों से जुड़े मुद्दे, चीन की घुसपैठ, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में बदलाव, और विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी व सीबीआई का दुरुपयोग शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पर भी हमने चर्चा की मांग की है।
बता दें कि सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक में 45 पार्टियों को बुलाया गया था और इनमें से केवल 36 ही पहुंचे थे। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि इस बैठक में कुल 45 दलों को बुलाया था, लेकिन 36 दल ही पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरी चर्चा करने के बाद ही संसद में कोई भी विधेयक पेश किया जाएगा। खड़गे ने कहा कि सरकार इस बार मानसून सत्र में 32 विधेयक पेश करने की तैयारी में है और इनमें से केवल 14 ही तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा, हमें इन 14 विधेयकों के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई है।
गौरतलब है कि इस बार का मानसून सत्र काफी अहम है। इसके कारण यह हैं कि इस सत्र में राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज यानी 18 जुलाई को ही मतदान होगा। वहीं उपराष्ट्रपति चुनाव छह अगस्त को होंगे। बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसी के साथ उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने वाले नए विधेयकों में फैमिली कोर्ट (संशोधन) विधेयक, 2022 और केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022 भी शामिल है। इसके अलावा सत्र के दौरान कई अन्य बिलों पर भी चर्चा की जाएगी।
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