India News (इंडिया न्यूज़), Pawar family History: महाराष्ट्र की राजनीति में ‘पवार परिवार’ की वजह से एक बार फिर से एक बार फिर तख्तापलट हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से दूरी बनाते हुए 02 जुलाई को अजीत पवार ने महाराष्ट्र की शिंदे सरकार से हाथ मिला लिया है और डिप्टी महाराष्ट्र सीएम बन गए हैं। 1991-92 से शरद द्वारा कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाने के बाद अजीत पवार खुद को उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं। जिसको लेकर पार्टी में मतभेद हो रहे हैं।
अजित पवार पहले भी ऐसा कर चुके हैं जब उन्होंने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर अक्टूबर 2019 में भाजपा के सरकार में शामिल हुए थे। महाराष्ट्र में राजनीतिक राजवंश राज्य जितना है उतना ही पवार, चव्हाण और ठाकरे सभी ने मुख्यमंत्री सहित कई कार्यालयों में कार्य किया है।
तीन पीढ़ियों से राजनीति में कार्यरत ‘पवार परिवार’ अब महाराष्ट्र की राजनीति आए तूफान के बीच जानते हैं पवार परिवार का पॉलिटिकल इतिहास-
शरद परिवार के करीबियों के अनुसार उनके पूर्वज महाराष्ट्र के सातारा के रहने वाले हैं। 18वीं सदी में सातारा में भयानक सूखा पड़ा था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने सातारा से पलायन किया था, इनमें शरद पवार के पूर्वज भी शामिल थे। पवार के पूर्वज सातारा से पलायन करने के बाद बारामती के काटेवाडी पहुंचे और यहीं बस गए।
पवार के पूर्वज सातारा के भोंसले (छत्रपति शिवाजी के वंशज) के सैनिकों के रूप में काम किया करते थे। लेकिन पलायन के बाद जब वे बारामती के काटेवाडी पहुंचे तो उन्होंने खेती करनी शुरू की। उस इलाके में ये गन्ने की खेती हुआ करती थी।
शरद पवार के पिता का नाम गोविंदराव पवार था और उनकी माता का नाम शारदाबाई पवार था, शरद पवार की आत्मकथा के अनुसार शरद पवार 11 भाई-बहन हैं। गोविंदराव और शारदाबाई पवार के 11 बच्चे हैं, जिसमें सात बेटे और चार बेटियां थीं। वसंतराव पवार, दिनकरराव पवार, अनंतराव पवार, माधवराव पवार, सूर्यकांत पवार, सरला जगताप, सरोज पाटिल,शरद पवार, मीना जगधाने, प्रताप पवार और नीला ससाने हैं।
शरद पवार गोविंदराव और शारदाबाई पवार की आठवीं संतान हैं। शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि उनके पिता गोविंदराव और माता शारदाबाई किसान थे। वे गन्ने की खेती किया करते थे। पवार ने अपनी आत्मकथा में अपनी मां की खूब तारीफ की है, उन्होंने लिखा है कि उनकी मां भले ही शिक्षित नहीं थी लेकिन वो चाहती थी कि हर बच्चे को शिक्षा मिले। 82 वर्षीय शरद पवार अपने परिवार में सबसे प्रभावशाली और प्रसिद्ध नाम हैं। वहीं अन्य 10 भाई-बहनों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में खूब नाम कमाया है।
ऐसा कहा जाता है कि शरद पवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि उनकी मां शारदाबाई पवार की सक्रियता से प्रेरित थी, जो पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) और कांग्रेस से जुड़ी थीं। 1938 में पुणे स्थानीय बोर्ड चुनाव में शारदाबाई निर्विरोध चुनी गई थीं और पुणे जिले की बहुत कम महिला राजनेताओं में से एक थीं। शरद पवार अक्सर अपनी मां और उनके भाई-बहनों में कड़ी मेहनत के प्रति सम्मान रखते थे।
शरद पवार के सबसे बड़े भाई वसंतराव पवार एक जाने-माने वकील थे, जो पुणे जिले में काम करते थे। उनकी भूमि विवाद को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वसंतराव के साथ-साथ शरद के तीन अन्य भाई भी अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनमें दिनकरराव पवार भी शामिल हैं, जो एक किसान थे। अनंतराव पवार जो अजीत पवार के पिता हैं। वहीं माधवराव पवार, जिन्होंने अपनी इंडस्ट्री यूनिट स्थापित की है।
वहीं सूर्यकांत पवार एक वास्तुकार हैं, जिनकी रियल एस्टेट क्षेत्र में रुचि है। उनके बाद शरद पवार की बहन सरला जगताप और सरोज पाटिल हैं। सरोज पाटिल राज्य के वामपंथी आंदोलन के एक कद्दावर नेता स्वर्गीय नारायण ज्ञानदेव पाटिल (एन डी पाटिल) की पत्नी हैं। शरद पवार और एन डी पाटिल राजनीति में दो विपरीत दृष्टिकोणों से जुड़े थे और अलग-अलग राजनीतिक मुद्दों पर आमने-सामने थे, लेकिन उन्होंने इसे कभी भी अपने व्यक्तिगत संबंधों के रास्ते में नहीं आने दिया।
गोविंदराव और शारदाबाई पवार के बाद की दूसरी पीढ़ी भी काफी हद तक एक साथ रही है। लेकिन तीसरी पीढ़ी में अब मतभेद देखने को मिल रहे हैं। -शरद पवार की एक बेटी हैजिनका नाम है सुप्रिया सुले, सुप्रिया सुले की एक बेटी रेवती सुले और बेटा विजय सुले है।
शरद पवार के भाई अनंतराव के दो बेटे अजीत पवार और श्रीनिवास और बेटी विजया पाटिल हैं। अजीत पवार के दो बेटे हैं पार्थ और जय। – प्रताप प्रवार का एक बेटा है, जिसका नाम अभिजीत है। पवार परिवार के बाकी सदस्यों की तरह शरद के बड़े भाई अनंतराव के बेटे अजीत पवार ने कोऑपरेटिव बोर्ड के जरिए से राजनीति में प्रवेश किया था।
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