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इंडिया न्यूज़ (लखनऊ, PFI terrorist arrested in lucknow): उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जकात के पैसे से आतंकी की पाठशाला चल रही थी। इसे पीएसआई से जुड़े सदस्य चला रहे थे। देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसकी राजनीतिक इकाई एसडीपीआई के ठिकानों पर छापेमारी के बाद इसका खुलासा हुआ है। पीएफआई के यूपी अध्यक्ष वसीम अहमद उर्फ बबलू और एसडीपीआई के मोहम्मद अहमद बेग ने इससे जुड़े कई बड़े खुलासे किए है.
इन दोनों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सामाजिक कार्य और शिक्षा के लिए दिए जाने वाले जकात और चंदे की रकम से यह लोग आतंकी कि शिक्षा देते रहे है। इस मामले में आई जानकारियों के अनुसार इसकी फंडिंग में मुख्य रूप से रिहैब इंडिया फाऊंडेशन शामिल रही है। रिहैब इंडिया का मुख्यालय दिल्ली में है। पूरे देश में यह फाउंडेशन किसी ने किसी रूप में कार्य करता रहा है.
22 सितम्बर को पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े लोगों पर देश भर में चले छापों के दौरान पीएफआई के यूपी अध्यक्ष वसीम अहमद उर्फ बबलू को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, 23 सितंबर को एसडीपीआई के मोहम्मद अहमद बेग को गिरफ्तार किया गया था.
यह लोग जरूरतमंद लोगों को अपने निशाने पर लेते थे। फिर ऐसे लोगों को अपने नेटवर्क में लाकर उनका बरगलाने का काम करते थे। गैर मुस्लिमों के लिए मुस्लिमों के मन में नफरत का भाव पैदा करना इनका मुख्य काम था। पूछताछ में यह भी तथ्य सामने आया है कि मुस्लिम युवाओं को इस्लामिक कट्टरपंथी बना कर आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए तैयार किया जाता था.
अब इस मामले में जल्द ही ईडी जांच कर सकती है। दरअसल, रिहैब इंडिया फाउंडेशन का इस पूरे घटनाक्रम में नाम आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय फंडिंग करने वालों का पता लगाने में जुट गई है। ईडी, रिहैब फाउंडेशन के पूरे नेटवर्क को खंगालाने कि तैयारी में है। रिहैब इंडिया फाउंडेशन का नेटवर्क करीब 25 देशो में है। मुस्लिम देशों से जकात और चंदे के रूप में अवैध पैसे लेने का इसपर आरोप है। इस पैसे को मदरसे और पीएफआई जैसे संगठनों को देने का भी आरोप रिहैब फाउंडेशन पर लगते रहते है। यह रकम मुस्लिम युवाओं की शिक्षा और रोजगार के नाम पर लिया जाता था.
पीएफआई और एसडीपीआई के गिरफ्तार लोगों ने यह भी खुलासा किया है कि यह लोग युवाओं के जरिए धर्मांतरण कराते थे। इनके निशाने पर गैर मुस्लिम लड़कियां और महिलाएं होती थी। गिरफ्तार अहमद बेग ने अपने यूट्यूब पर चैनल पर सिर्फ तन से जुदा करने का वीडियो भी डाला हुआ है। इस वीडियो में एक युवक घुटनों के बल बैठा है दूसरा पीछे खड़ा है और उसका गाला रेत रहा था। अहमद बेग के लैपटॉप और मोबाइल से कई ईमेल और दस्तावेज भी मिले है जिसकी सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं.
मुसलमान अपनी कमाई का करीब ढाई फीसदी हिस्सा जकात या दान में देते हैं। कई लोग सीधे गरीबों को पैसे दान में देते हैं, तो कई लोग सामाजिक और शिक्षा के कार्य में लगी संस्थाओं को दान देते हैं। संस्थाओ पर पैसे के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे है। इसमें दंगे कराने से लेकर अवैध घुसपैठियों को बसाने, धर्मांतरण और लव जिहाद के मामले शामिल है। अब इन पैसों से आतंक की फैक्ट्री तैयार कर लिए जाने का मामला सामने आया है.
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