संबंधित खबरें
Jammu and Kashmir: बडगाम में खाई में गिरी BSF जवानों की बस, 4 जवान शहीद, 32 घायल
मेरठ में बड़ा हादसा, तीन मंजिला मकान गिरने से कई घायल, मलबे में दबे पशु
किस दिन होगा केजरीवाल की किस्मत का फैसला? इस घोटाले में काट रहे हैं सजा
No Horn Please: हिमचाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रेशर हॉर्न बजाने पर वाहन उठा लेगी पुलिस
Himachal News: बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छे दिन! जानें पूरी खबर
Rajasthan: चेतन शर्मा का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन, किराए के मकान में रहने के लिए नहीं थे पैसे
इंडिया न्यूज, Ujjain News। PM Modi in Ujjain: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की उज्जैन स्मार्ट सिटी में 2017 में शुरू हुई महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना ‘श्री महाकाल लोक’ के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह परियोजना 856 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होगी।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद इसकी विशेषताओं के साथ उज्जैन की खासियत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ‘महाकाल लोक’ में लौकिक कुछ भी नहीं है। शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है, अविस्मरणीय है और अविश्वसनीय है। महकाल नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। यही वो जगह है जहां भगवान कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन भारत की आस्था का केंद्र रहा है।
मोदी ने कहा कि हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरूप का निर्माण होता है और जब महाकाल का आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं।
उज्जैन के छण-छण में, पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा और साहित्य का नेतृत्व किया है।
उज्जैन वो नगर है, जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है। ये वो नगर है, जहां भगवान श्री कृष्ण ने भी आकर शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वो प्रताप देखा है, जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरूआत की थी।
महाकाल मंदिर के नवनिर्मित कॉरिडोर में 108 स्तंभ बनाए गए हैं, 910 मीटर का ये पूरा महाकाल लोक इन स्तंभों पर टिका है। महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को जिस सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, सैकड़ों वर्षों के बाद उसे यहां साकार किया गया है।
‘महाकाल लोक’ कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है।
कॉरिडोर के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह कॉरिडोर मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा रास्ते में मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं। दोनों भव्य प्रवेश द्वार, बलुआ पत्थरों से बने जटिल नक्काशीदार 108 अलंकृत स्तंभों की एक आलीशान स्तम्भावली, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दशार्ने वाले 50 से अधिक भित्ति-चित्रों की एक श्रृंखला ‘महाकाल लोक’ की शोभा बढ़ाएंगे।
बता दें कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में स्थित है और यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने दिसंबर 2021 में काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया था जिसे करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। पुराने मंदिर परिसर में व्यापक बदलाव किया गया है और चार दिशाओं में भव्य प्रवेश द्वार और खूबसूरत मेहराब बनाए गए हैं।
ये भी पढ़े : ‘महाकाल लोक’ देश को समर्पित, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतीकात्मक रूप से उज्जैन में किया ‘शिवलिंग’ का अनावरण
ये भी पढ़े : उज्जैन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाकाल मंदिर में की पूजा-अर्चना
ये भी पढ़े : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंदौर पहुंचने पर स्वागत, हेलीकाप्टर से होंगे उज्जैन के लिए रवाना
ये भी पढ़े : अंतर्राष्ट्रीय सूफी रंग महोत्सव-2022 में विजय दर्डा ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित
ये भी पढ़े : राहुल गांधी ने फेसबुक पर डाली रोती हुई लड़की की पोस्ट, कहा-कर्नाटक सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.