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पोर्ट ब्लेयर (PM names the 21 largest unnamed islands of Andaman & Nicobar Islands) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सोमवार को पराक्रम दिवस पर 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण किया गया। सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को साल 2021 में को पराक्रम दिवस घोषित किया था। पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण किया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी की स्मृति का सम्मान करने के लिए, रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर 2018 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में रखा गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम भी बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था।
कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंडमान की ये धरती वो धरती है जहां पहली बार तिरंगा फहराया गया था। जहां पहली बार स्वतंत्र भारत की सरकार बनी। आज नेताजी सुभाष बोस की जयंती है। देश इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “आज अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े द्वीपों को हमारे परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जोड़ा गया है और जब तक यह धरती है तब तक उनकी स्मृति को कायम रखने का यह प्रयास है, यह सेना का उत्साह बढ़ाएगा। पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व में लिए गए सभी फैसले निश्चित रूप से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जुड़ाव को स्वीकार करते हैं और उसकी सराहना करते हैं।”
PM Modi names 21 largest unnamed islands of Andaman & Nicobar Islands.
The islands have been named after 21 Param Veer Chakra awardees including Major Somnath Sharma, Subedar and Hony Captain (then Lance Naik) Karam Singh, 2nd Lt. Rama Raghoba Rane, Nayak Jadunath Singh pic.twitter.com/RWvy8F6118
— ANI (@ANI) January 23, 2023
जिन परम वीर चक्र विजेताओं के नाम पर आज द्वीपों का नाम रखा जाएगा उनमें-मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार (तब लांस नायक) करम सिंह, लेफ्टिनेंट रमा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पिरु सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तब मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिन्दर सिंह, मेजर शैतान सिंह, सीक्यूएमएच अब्दुल हामिद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुरजोरजी तारापोरे, लांस नाइक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेस्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडेय, सूबेदार मेजर (तब राइफल मैन) संजय कुमार, सूबेदार मेजर ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव के नाम शामिल है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, लोकसभा और राज्यसभा में दलों के नेता, संसद सदस्य, संसद के पूर्व सदस्य और अन्य गणमान्य लोग के सेंट्रल हॉल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। 23 जनवरी, 1978 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एन संजीव रेड्डी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र का अनावरण किया गया था।
23 जनवरी, 1897 को जन्मे सुभाष चंद्र बोस (जिन्हें नेताजी के नाम से भी जाना जाता है) ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में बोस की मौत पर विवाद है, केंद्र सरकार ने 2017 में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) में पुष्टि की थी कि इस घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। पिछले साल, नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर, प्रधान मंत्री ने दिल्ली में इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था।
परमवीर चक्र सेना में मिलने वाला सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। यह सम्मान सेना के उन जाबांजों को दिया जाता है, जिन्होंने दुश्मन की उपस्थिति में बहादुरी, वीरता, आत्म-बलिदान के साहसी कार्य किया हो। यह चक्र वॉर टाइम में साहसी प्रदर्शन करने के लिए दिया जाता है। परमवीर चक्र मरणोपरांत भी दिया जाता है। यह मेडल गोलाकार, कांस्य से निर्मित, 1.38 इंच का व्यास का होता है। इसके ऊपरी केंद्र में उभरी हुए राज्य के प्रतीक के साथ ‘इन्द्र के वज्र’ की चार प्रतिकृतियां भी होती है। वहीं पिछले भाग पर हिंदी और अंग्रेजी के बीच में दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में परम वीर चक्र उभरा हुआ होता है।
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