इंडिया न्यूज, नई दिल्ली न्यूज। Contemplation Camp: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित किया। हरियाणा में फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड में आयोजित इस कार्यक्रम के दूसरे व अंतिम दिन उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं और ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। पीएम ने कहा कि गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विकसित भारत का निर्माण, विरासत पर गर्व, एकता एवं एकजुटता और नागरिक कर्तव्य, इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली-भांति जानते तथा समझते हैं।
उन्होंने कहा कि यह एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है। पीएम ने कहा कि सूरजकुंड में गृह मंत्रियों का यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद की एक बेहतर मिसाल है।
उन्होंने कहा कि राज्य एक-दूसरे से सीख सकते हैं, एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकते हैं और देश की बेहतरी के लिए सरकारें मिलकर काम कर सकती हैं।
यह संविधान की भावना है और हमारे नागरिकों के प्रति हमारा कर्तव्य भी है। मोदी ने कहा कि देश की बेहतरी के लिए काम करना संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक व परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा। यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है। इसमें आप सभी की बहुत बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद करने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है और दूसरे देशों में भी उन्हें जाना पड़ता है, इसलिए हर राज्य की जिम्मेदारी है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, यह केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।
पीएम ने यह भी कहा कि आजकल देश में उत्सव जैसा माहौल है। दीपावली, ओणम, दुगार्पूजा और दशहरा सहित कईउत्सव शांति और सौहार्द्र के साथ देशवासियों ने मनाए हैं। उन्होंने कहा, अभी छठ पूजा सहित कई अन्य त्योहार भी हैं और विभिन्न चुनौतियों के बीच इन त्योहारों में देश की एकता का सशक्त होना आपकी तैयारियों का भी प्रतिबिंब है।
मोदी ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है, लेकिन ये राष्ट्र की एकता और अखंडता से भी जुड़े हुए हैं। मोदी ने यह भी कहा कि हमें देश विरोधी ताकतों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करनी होगी।
कानून-व्यवस्था बनाए रखना, 24 घंटे वाला काम है, लेकिन किसी भी काम में यह भी जरूरी है कि हम निरंतर प्रक्रियाओं में सुधार कर उन्हें आधुनिक बनाते चलें। बता दें कि शिविर के पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इसमें शामिल हुए थे और कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित किया था।
पीएम ने कहा कि साइबर क्राइम हो या ड्रोन तकनीक का हथियारों व ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई तकनीक पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।
पिछले वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून-व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों ने भी देश में कानून एवं व्यवस्था को मजबूत किया है। भ्रष्टाचार हो, आतंकवाद हो या हवाला नेटवर्क हो, इस पर देश ने अभूतपूर्व ताकत दिखाई है और इससे लोगों में भरोसा भी बढ़ा है।
पीएम ने पुलिस के लिए ‘वन नेशन, वन यूनिफॉर्म’ लाने के लिए विचार करने की भी राज्यों को सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में हो सकता है कि पांच, 50 अथवा 100 साल लग जाएं, लेकिन हमें इस पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने नक्सलवाद का मुद्दा भी उठाया। पीएम ने कहा, हमें हर प्रकार के नक्सलवाद को पराजित करना होगा। नक्सलवाद चाहे बंदूक वाला हो या कलम वाला सभी की काट निकालना होगी।
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