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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली न्यूज। Pollution in Delhi: देशभर में सोमवार को दिवाली मनाई जाएगी और इस अवसर के लिए देश का हर कोई छोटे से बड़ा व्यक्ति आतिशबाजी करने के लिए उत्सुक रहता है। देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर में इसी के साथ दिवाली के मौके पर प्रदूषण भी कई गुना बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। आतिशबाजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार की सख्त हिदायतों व परामर्श के बावजूद बच्चे व बडेÞ सभी लोग बगैर कोई परवाह किए आतिशबाजी यानी पटाखे करते हैं।
दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने को बैन करने के साथ ही इस नियम के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में सामने आया है कि हर कोई पटाखा कई गुना प्रदूषण फैलाता है, लेकिन इसके बावजूद लोग पटाखे कर रहे हैं।
लोकल सर्किल की ओर से किए गए सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक 1000 बम की लड़ी जलाने पर उससे 38,540 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स बाहर निकलते हैं, जो 1752 सिगरेट जलाने के बराबर है। इसी तरह एक फुलझड़ी जलाने पर 10,390 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो 472 सिगरेट जलाने के बराबर है।
वहीं एक चकरी जलाने पर 9,490 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 431 सिगरेट जलाने के बराबर है। एक अनार जलाने पर 4,860 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो 221 सिगरेट जलाने के बराबर है।
इसलिए हवा को और अधिक प्रदूषित होने से बचाना है तो दिवाली पर पटाखों से दूर ही रहें। सांप पटाखे की एक गोली जलाने से 64,500 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स बाहर निकलते हैं, जो कि 2932 सिगरेट जलाने के बराबर है। इसी तरह और भी कई पटाखे हानिकारक हैं।
आतिशबाजी बैन पर बिक्री पर नहीं लगाम
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर घरों में पटाखे जलाने का प्रतिशत 5 साल में सबसे ज्यादा हो सकता है, क्योंकि हर 5 में से 2 परिवारों के इस गतिविधि में शामिल होने की संभावना है। सर्वेक्षण में यह भी जानकारी दी गई है। लगभग 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह दिल्ली में दुकानों से पहले ही पटाखे खरीद चुके हैं। 20 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने एनसीआर के अन्य शहरों से पटाखे खरीदे हैं, यह दर्शाता है कि ऐसी वस्तुओं की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं है।
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