जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें चीफ जस्टिस बन गए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के पद की शपथ दिलाई. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित की जगह ली. जस्टिस ललित का सीजेआई के तौर पर 74 दिनों का छोटा कार्यकाल था जो 8 नवंबर को पूरा हो गया. अब जस्टिस चंद्रचूड़ दो साल यानी 10 नवंबर 2024 तक सीजेआई रहेंगे.
डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस चंद्रचूड़ भारत के 16वें चीफ जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. उन्हें 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया था. 31 अक्टूबर 2013 को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी
बता दें इस मोके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ को ट्वीट कर बधाई दी उन्होंने ट्वीट कर लिखा “भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर डॉ. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को बधाई। उनके आगे के फलदायी कार्यकाल की कामना करते हैं।”
Congratulations to Dr. Justice DY Chandrachud on being sworn in as India’s Chief Justice. Wishing him a fruitful tenure ahead.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2022
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम अनगिनत ऐतिहासिक फैसले हैं. हाल ही में, जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक ऐतिहासिक फैसले में, जिसने महिलाओं के प्रजनन अधिकारों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया. अविवाहित या अकेली गर्भवती महिलाओं को 24 सप्ताह तक गर्भपात करने से रोकने के कानून को रद्द कर सभी महिलाओं को ये अधिकार दिया है. पहली बार मेरिटल रेप को परिभाषित करते हुए पति द्वारा जबरन यौन संबंध बनाने से गर्भवती विवाहित महिलाओं को भी नया अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि ये समानता के अधिकार की भावना का उल्लंघन करता है.
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