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इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
पंजाब में कानून-व्यवस्था को ठीक करने में जुटी आम आदमी पार्टी की सरकार को मंगलवार को उस समय झटका लगा, जब प्रदेश के एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया। भगवंत मान सरकार ने उनकी जगह विनोद घई को नया महाधिवक्ता नियुक्त किया है। अनमोल रतन ने इस्तीफे की वजह निजी कारण बताया है। हालांकि बताया जा रहा है कि सिद्धू ने पिछले सप्ताह 19 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था लेकिन सरकार द्वारा उनको मनाने के प्रयास किए जा रहे थे। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ इसी के चलते उनकी मुलाकात भी हुई थी। इस सबके बावजूद अनमोल रतन सिद्धू अपने फैसले पर अडिग रहे और उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।
अनमोल रतन सिद्धू प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद चार महीने तक पद पर रहे। सरकार के बाद ही उन्हें प्रदेश का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था। वर्तमान समय में सिद्धू बेअदबी और पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में सरकार की पैरवी कर रहे थे। उन्होंने इस्तीफा देने का कारण अपने प्रोफेशन में ज्यादा व्यस्त होना बताया है।
गौरतलब है कि गत दिनों सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की पैरवी करने के लिए अनमोल रतन सिद्धू जब दिल्ली गए थे तो वहां से लौटते वक्त हरियाणा में जिस ट्रेन से वह सफर कर रहे थे, उस पर पथराव किया गया। इस घटना में सिद्धू को हालांकि कोई नुकसान नहीं पहुंचा था लेकिन जिस सीट पर वह बैठे थे उसके पास का शीशा टूट गया था।
कांग्रेस के जिन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ आप सरकार ने मामले दर्ज करवाए हैं विनोद घई हाई कोर्ट में उन सबके वकील हैं। सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर रहे शरणप्रीत के वकील भी विनोद घई थे। तकनीकी वजहों से विनोद घई की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो सकते हैं जैसे पहले एपीएस देओल की नियुक्ति को लेकर सवाल उठे थे। सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में जितने भी बड़े मामले हैं सभी में विरोधी पक्ष की तरफ से विनोद घई वकील है।
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