Punjab News: पंजाब के अजनाला थाने पर हुए हमले की खबर शायद से पंजाब पुलिस को पहले ही मिल चुकी थी। जिसके तहत पुलिस ने वारिस पंजाब दे के मुखी अमृतपाल सिंह व उसके साथियों के हथियारों की जांच शुरू कर दी थी। जांच में पुलिस ने उनके एक समर्थक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था, जबकि नौ के हथियारों की जांच कर रहे थे लेकिन फिर भी उसके समर्थक हथियार लेकर निकल रहे थे। इतना ही नहीं जब अजनाला कांड हुआ तो उस वक्त भी ये लोग हथियारों से लैस थे।
एक्शन में पंजाब सरकार
जम्मू-कश्मीर पुलिस से भी की बात
इस मामले में अमृतसर कमिश्नरेट के एक आला अधिकारी ने बताया कि पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह के 10 समर्थकों के खिलाफ हथियार लाइसेंस की कार्रवाई कर रही है लेकिन एक समर्थक के पास जम्मू-कश्मीर का लाइसेंस है। यही वजह है कि उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। अधिकारी ने आगे बताया कि बाकी के नौ समर्थकों के लाइसेंस को रद्द कर करने की प्रक्रिया पंजाब में ही चल रही है।
जानें क्या है मामला
बता दें 24 फरवरी को अमृतपाल के साथी लवप्रीत सिंह तूफान को पुलिस से छुड़वाने के लिए उसके समर्थकों ने हिंसा की थी। अमृतपाल सिंह खुद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को लेकर अजनाला थाने पहुंचा था। इसकी आड़ में उसके समर्थकों ने थाने पर हमला बोल दिया था। इस हमले में छह पुलिसवाले घायल हो गए थे। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी न हो, इसलिए पुलिस ने सख्त एक्शन नहीं लिया। अमृतपाल खालिस्तान की मांग कर रहा है।