Rahul Gandhi disqualify: कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। लोकसभा सचिवालय ने अपने बयान में कहा कि केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
- कांग्रस ने लड़ाई लड़ने की बात कही
- सूरत जिला अदालत ने बीते दिनों फैसला दिया था
- राहुल के इस बयान पर कई और मुकदमें भी है
सूरत जिला अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई गई। बाद में उन्हें कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत मिल गई।
2013 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
साल 2013 में जस्टिस एके पटनायक और एसजे मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 8(4) की संवैधानिक शक्तियों को रद्द कर दिया जो मौजूदा सांसदों और विधायकों को कुछ अपराध में दोषी ठहराए जाने की स्थिति में अयोग्यता से सुरक्षा देती थी। केस को लिली थॉमस बनाम भारत संघ और लोक प्रहरी बनाम भारत संघ के नाम से जाना गया था। कोर्ट के फैसले के मुताबिक अगर किसी सांसद/विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती है तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। वो अगला चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) में यह प्रवधान है।
पूर्णेश मोदी की शिकायत
राहुल गांधी के खिलाफ उनके कथित आरोप के लिए मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा था कि “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?” भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी उनके खिलाफ शिकायत की थी। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी।
क्या है आरोप?
अपनी शिकायत में भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि गांधी ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया, “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?” मोदी, भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। वह दिसंबर में हुए चुनाव में सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से फिर से विधायक बने।
कांग्रेस नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि से निपटने) के तहत मामला दर्ज किया गया था। राहुल, आखिरी बार अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे।
यह भी पढ़े- ‘मोदी सरनेम’ मामले में राहुल गांधी को दो साल की जेल, सूरत कोर्ट ने सुनाया फैसला