Second phase of Bharat Jodo Yatra: पहले चरण की सफल “भारत जोड़ो यात्रा” के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसके दूसरे चरण की जल्द शुरुआत करने की घोषणा की है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा गत 7 सितंबर को “भारत जोड़ो यात्रा” की कन्याकुमारी से शुरुआत की गई, जो 31 जनवरी को लगभग 3,500 किलोमीटर की पद यात्रा के बाद जम्मू-कश्मीर में जाकर समाप्त हुई थी। लगभग 130 दिनों तक चली इस यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी कई अहम राज्यों से होकर गुजरी, जिसमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर शामिल थे। इस दौरान पार्टी के तमाम राज्यों के कार्यकर्ता, नेता समेत कई शिक्षाविद और समाज सेवी यात्रा का हिस्सा बने।
कांग्रेस नेताओं की माने तो, पहले चरण की भारत जोड़ो यात्रा को आपार जनसमर्थन मिला है। इस पूरे यात्रा के दौरान लाखों लोग इस यात्रा का हिस्सा बने, यात्रा का समर्थन किया, और आगे भी इस तरह को कार्यक्रम को करने का सूझाव दिया। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो इस मुहिम के दौरान पार्टी को बड़े स्तर पर लोगों से जुड़ने का अवसर मिला, जमीन पर जाकर पार्टी की स्थिति को समझने का मौका मिला और उन सबसे बड़ी बात इस यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं में उर्जा भरने में कामयाब रही, जिसका बड़ा असर पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
विश्लेषकों ने यह भी माना है कि इस यात्रा के जरिए व्यक्तिगत रूप से राहुल गांधी में काफी सकारात्मक बदलाव आए हैं जो पार्टी के भविष्य के लिहाज से काफी अहम है। विश्लेषकों ने यह भी कहा है कि पार्टी के द्वारा बड़े ही उचित समय पर यह फैसला लिया गया। उन्होने कहा कि, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आगामी 2024 का चुनाव कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। इस चुनाव से पार्टी के भविष्य की दशा और दिशा दोनों तय हो सकती है। हालांकि विश्लेषकों का यह भी मानना था कि इसके समापन का समय जरूर समझ से बाहर था क्योंकि आप देखें तो यह लोकसभा चुनाव के ठीक 11-14 महीने पहले समाप्त हो गया।
जब हमलोग “भारत जोड़ो यात्रा” के दूसरे चरण की बात कर रहे हैं तो यह जानना काफी अहम हो जाता है कि आखिर इसकी जरूरत कैसे महसूस हुई। आपको बता दें कि “भारत जोड़ो यात्रा” की जब शुरुआत की घोषणा की गई तब इसके रूट को लेकर काफी चर्चाएं हुई। “भारत जोड़ो यात्रा” के पहले चरण के रूट में उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड, गुजरात और नार्थ ईस्ट जैसे राज्यों को रूट में शामिल नहीं किया गया था। हालांकि बाद में कांग्रेस नेताओं की ओर से इससे कारण भी बताए गए। दरअसल, कांग्रेस पार्टी को यात्रा से पहले एक बात खटक रही थी कि क्या यात्रा को जनता का समर्थन प्राप्त होगा या नहीं। हालांकि जो इसके परिणाम मिले, उसने इसके दूसरे फेज को शुरू करने पर पार्टी को मजबूर कर दिया है।
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