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गुजरात चुनाव में राहुल का तुष्टिकरण कार्ड, कांग्रेस-बीजेपी की सियासी प्रतिद्वंदता को वनवासी और आदिवासी के अस्तित्व की ओर मोड़ा

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : November 21, 2022, 5:30 pm IST
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गुजरात चुनाव में राहुल का तुष्टिकरण कार्ड, कांग्रेस-बीजेपी की सियासी प्रतिद्वंदता को वनवासी और आदिवासी के अस्तित्व की ओर मोड़ा

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : गुजरात चुनाव में आज यानि सोमवार की इंट्री हुई। भारत जोड़ो यात्रा से गुजरात चुनाव में प्रचार करने पहुंचे राहुल ने तुष्टिकरण कार्ड खेला है। आपको बता दें, सूरत में राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी आदिवासियों के साथ अन्याय करती है। यह देश आपका है, जो बीजेपी ने आपसे ले लिया है। राहुल ने आगे कहा कि बीजेपी के लोग आपको आदिवासी नहीं कहते हैं, वे आपको वनवासी कहते हैं। इसका मतलब है कि आप जंगल में रह रहे हैं। वे नहीं चाहते कि आप आगे बढ़ें, आपके बच्चे शहरों में पढ़े और आगे बढ़ें। बीजेपी सोचती है कि आपको जंगल में ही रहना चाहिए। बीजेपी जंगल उद्योगपतियों को दे देगी। उसके बाद जंगल में भी आपके लिए जगह नहीं होगी। 2 या 3 उद्योगपति ही पूरा जंगल हड़प लेंगे। भाजपा आपका हक छीनना चाहती है। आप वनवासी नहीं आदिवासी हैं। यह देश आपका है।

वनवासी और आदिवासी में उलझाया

अपने सम्बोधन में राहुल ने आगे कहा कि आपके पास दो विकल्प हैं कांग्रेस आदिवासी या बीजेपी वनवासी। एक ओर सुख है तो दूसरी ओर पीड़ा है। हम आपके सपनों को साकार करेंगे। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य हम देंगे। हम आपके इतिहास की रक्षा करेंगे, जीने का अधिकार। हम आपके लिए पदयात्रा कर रहे हैं। पैरों में छाले पड़ जाएं तो भी हम पदयात्रा करते रहेंगे।

राहुल ने खेला तुष्टिकरण कार्ड

राहुल ने अपनी रैली में आदिवासियों को लुभाने के लिए कहा कि मेरे परिवार का आदिवासियों से पुराना नाता है। जब मैं छोटा था तो मेरी दादी इंदिरा गांधी ने मुझे एक किताब दी थी। यह मेरी पसंदीद किताबों में से एक थी। मैं आदिवासियों के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। बहुत सारी फोटोज वाली यह आदिवासी बाल पुस्तक जंगल और वहां जीवित रहने के बारे में थीं। मैं इस किताब को दादी के साथ पढ़ता था। दादी मुझे समझाती थीं। एक दिन मैंने दादी से कहा कि मुझे यह किताब बहुत पसंद है तो उन्होंने कहा कि यह किताब हमारी जनजाति के बारे में है। यह जनजाति ही हिन्दुस्तान की पहली और असली मालकिन है। फिर कहा कि अगर हिन्दुस्तान को समझना है तो आदिवासियों के जीवन और जल, जंगल और जमीन से उनके रिश्ते को समझो। उन्होंने आदिवासी शब्द का इस्तेमाल किया, जिसका मतलब होता है सबसे पहले यहां रहना।

गुजरात में होने है 1 और 5 दिसंबर को होना है मतदान

आपको बता दें, गुजरात चुनाव में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, दोनों चरणों की मतगणना 8 दिसंबर को होगी। जानकारी हो, पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी हुआ था।

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