India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव की वोटिंग आज के दिन जारी है, जिसमें कांग्रेस सरकार के अधिकांश मंत्रियों के हारने की संकेत मिल रही है। 25 नवंबर को हो रहे विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कई मंत्री विभिन्न परिस्थितियों के चलते चुनावी चक्रव्यूह में फंस चुके हैं। सुत्रो के मुताबिक, अधिकांश मंत्रियों की हालत दयनीय बताई जा रही है।

हालांकि, इससे पहले वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में सीएम गहलोत समेत कैबिनेट के पांच मंत्री ही चुनाव जीत पाए थे। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के 25 में से दो उपमुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री हार गए थे। बता दें कि 22 राज्य मंत्रियों में से मात्र तीन मंत्री जीत पाए थे। इस बार चुनाव में गहलोत कैबिनेट के मंत्री शांति धारीवाल कोटा सीट पर चुनावी चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं।

हर चुनाव में क्यों हार जाते हैं परिवहन मंत्री

पिछले चुनाव को मद्देनजर रखते हुए राजस्थान सरकार में जो भी परिवहन मंत्री रहता है और अगला चुनाव लड़ता है तो हार जाता है। गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला भी इस बार चुनावी समीकरण में त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं। डा. बीडी भल्ला समेत कैबिनेट के करीब 25 मंत्री कड़े संघर्ष का सामना कर रहे हैं। वरिष्ठ मंत्री डा. बीडी कल्ला बीकानेर पश्चिम से छह बार विधायक रह चुके हैं लेकिन इस बार वह भी भाजपा उम्मीदवार के सामने कमजोर पड़ रहे हैं।

कट्टर हिंदूवादी नेता के सामने ये नेता फंसे

क्योंकि इस बार बीकानेर पश्चिम से बीजेपी ने यहां से नए चेहरे के रूप में कट्टर हिंदूवादी नेता जेठानंद व्यास को उम्मीदवार बनाया है। यही हाल इस बार स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा की है। मीणा को भी हर क्षेत्र में जनविरोध का सामना करना पड़ रहा है। जाहिदा खान, अशोक चांदना, भंवर सिंह भाटी, टीकाराम जूली और मुरारीलाल मीणा जैसे कद्दावर मंत्रियों को भी भाजपा की कड़ी चुनौती गहलोत सरकार को चुनावी चक्रव्यूह में फंसा दिया है। वहीं सुखराम विश्नोई को जातिगत फायदा देखने को मिल रहा है।

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