India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan: आज का दिन राजस्थान विधानसभा में ऐतिहासिक रहा, आजादी के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति ने विधायकों को संबोधित किया, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा में रखे गये सेशन को संबोधित करने पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू ने विधायकों को ‘मैं और मेरा’ से बाहर निकलकर मेरी जनता और हमारे की सोच रखने की सीख दी।
सदन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 7 करोड़ की जनता जिन 200 विधायकों पर भरोसा करके उनको यहां भेजती है। उन्हें अपनी जनता के विकास के लिए नियम बनाने और ‘मैं की जगह हमारा की भावना रखनी चाहिए’। राष्ट्रपति ने कहा कि ये कभी नहीं सोचना चाहिए उसने क्या किया? बल्कि ये सोचना चाहिए कि जनता ने हमे चुनाव जीताकर विधानसभा में भेजा है। हम जनता के लिए क्या कर रहे हैं?
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ये स्वाभिमान की धरती है। उन्होनें महाराणा प्रताप, महाराणा सांगा, राणा पूंजा और गोविंद गुरू को याद किया। मुर्मू ने कहा कि ये युग कम्प्यूटर युग है, मॉडर्न टेक्नोलॉजी से चलता है। जबकि एक युग वो था जब जनप्रतिनिधी क्या बोलते हैं। वो पेपर भी कभ-कभी पहुंचता था। इसलिए सभी से गुजारिश करना चाहती हूं कि चाल चलन के साथ आचार विचार से हमें जनता के लिए सोचना चाहिए।
वहीं अपने संबोधन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना के साथ कर्तत्य पालन का पाठ पढ़ाया, राज्यपाल ने कहा कि मुझे दुख होता है कि कई जब सदस्य एक दूसरे पर दोषारोपण और छींटाकशी करते हैं। इन चीजों में समय खराब नहीं होना चाहिए, उन्होनें कहा कि एक सत्र को भी लंबा नहीं चलाया जाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा कि आज राजस्थान विधानसभा के लिए ऐतिहासिक दिन है। पहली बार राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रपति पहुंचीं, राजस्थान में सोशल सिक्योरिटी की दिशा में अहम काम हुए.
राजस्थान की नई विधानसभा की परिकल्पना हरिशंकर भाभड़ा ने की. हमारे यहां से निकले गणमान्यों ने उपराष्ट्रपति पद को सुशोभित किया. हमारे यहां ब्यूरोक्रेट्स ने देश में बड़े पदों पर पहुंच कर देश का नाम रोशन किया।
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