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इंडिया नयूज, नई दिल्ली:
मानसून सत्र शुरू होने से पहले राज्यसभा सचिवालय ने आज एक निर्देश जारी किया। इसमें कहा गया है कि संसद में किसी भी धरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। देश में धार्मिक टिप्पणियों के कारण कुछ समय से चल रहे विवादों के बीच सदन का यह निर्देश अहम है।
सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के पहले सदन के महासचिव पीसी मोदी के हवाले से जारी किए गए एक नए निर्देशानुसार संसद के सदस्य किसी भी हड़ताल या धरने के लिए इसके (संसद) परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इसी के साथ उन्हें धर्म के बारे में भी किसी तरह की टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी गई है।
सचिवालय द्वारा जारी बयान के अुनसार आचार संहिता समिति ने कहा है कि सभी सांसदों को आचार संहिता का पालन करना होगा। आचार संहिता हर सत्र की पूर्व संध्या पर सदस्यों के अनुपालन और जानकारी के लिए प्रकाशित की जा सकती है। समिति ने कहा है कि सांसदों को संविधान की प्रस्तावना में निर्धारित आदेशों को वास्तविकता में बदलने के लिए लगातार कोशिश करनी चाहिए।
आचार संहिता में यह भी कहा गया है कि राज्यसभा के सदस्यों को खुद पर जनता का भरोसा कायम रखने के लिए अपने दायित्व को स्वीकार करना चाहिए। इसी के साथ उन्हें लोगों की भलाई के लिए अपने जनादेश का निर्वहन पूरी लगन से करना चाहिए। उन्हें संविधान व कानून का हमेशा सम्मान करना चाहिए। संहिता के अनुसार आम जनता और संसदीय संस्थाएं सबसे ऊपर हैं।
मानसून सत्र के इस बार हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष के पास बेराजगारी व महंगाई जैसे कई मुद्दे हैं जिन पर जोरदार हंगामा होने के आसार हैं। इन दो मुद्दों के अलावा सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई नई अग्निपथ योजना जैसे और भी मुद्दे विपक्ष के पास हैं जिनपर विपक्ष सरकार को घेर सकता है। पीसी मोदी के निर्देश में कहा गया है, संसदीय सदस्य किसी तरह के उपवास, धरना या प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास अथवा किसी धार्मिक समारोह को करने के लिए संसद भवन के परिसर का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने इसमें संसद के सदस्यों से सहयोग का आग्रह किया है।
आचार संहिता में यह भी कहा गया है कि सांसदों के निजी वित्तीय हित और उनके परिवारित सदस्यों के हित सार्वजनिक हित के विरोध में नहीं आते हैं। अगर कभी भी ऐसा कोई संघर्ष पैदा हो तो उन्हें इसके समाधान का प्रयास करना चाहिए ताकि जनता का हित खतरे में न पड़े। राज्यसभा सचिवालय के बयान में यह भी कहा गया है कि संसदीय सदस्यों को कोई भी इस तरह का काम नहीं करना चाहिए जिससे संसद की छवि खराब हो और उनकी भरोसा टूटे। उन्हें हमेशा जनता के हित में अपने पद का सही उपयोग करना चाहिए।
कांग्रेस ने राज्यसभा सचिवालय के फैसले का विरोध किया है। पार्टी के मीडिया सेल के प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने पीएम मोदी के निर्देश के पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा, विश्वगुरु की नवीनतम सलाह- धरना मना है!
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