India News (इंडिया न्यूज),Research Report: दुनिया भर में कई करोड़ हेक्टेयर जमीन जिस पर खेती किसानी की जा सकती है खाली पड़ी है। विभिन्न कारणों की वजह वैश्विक स्तर पर से प्रत्येक वर्ष औसतन 36 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि को खाली छोड़ दिया जाता है। जमीन खाली पड़े होने की वजह से उसकी उपजाऊ गुणवत्ता में भी कमी आने लगती है।
वैश्विक स्तर पर जिस तरह से खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ी है उसके अनुसार कृषि के क्षेत्र में और सुधार और वृद्धि करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन के चलते पहले से ही कृषि क्षेत्र कों गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिष्ठित जर्नल नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुई हालिया रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया कि दुनियाभर में 10 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा अधिक कृषि भूमि खाली पड़ी है। औसत हर साल 36 लाख हेक्टेयर किसानी योग्य भूमि पर खेती नहीं की जाती है। इससे जमीन की गुणवत्ता में तो कमी तो आ ही रही है साथ ही साथ करोड़ों लोग बिना खाना खाए रोजाना भूखे सोते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने शोध में इसका खुलासा किया है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में दुनिया की 9.8 फीसदी आबादी कुपोषित और खाने की समस्या से जूझ रही थी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया भर के 82.8 करोड़ लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं उपलब्ध हो पाता है। पर्याप्त भोजन न करने वाले करोड़ों लोगों का पेट भरने के लिए आने वाले 3 सालों में 22.6 करोड़ हेक्टेयर तक कृषि भूमि में वृद्धि की जरूरत है।
कृषि योग्य जमीन को की गई रिसर्च में खुलासा किया गया है कि अगर इस भूमि पर दोबारा से खेती की जाए तो जलवायु परिवर्तन और भोजन की कमी के दोहरे वैश्विक संकट से निपटने में बहुत मदद मिल सकती है। 1992 से 2020 के बीच कुल 10.1 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि को खाली छोड़ दिया गया. यह पूरी भूमि आकार में 1992 की कुल कृषि भूमि के करीब सात फीसदी के बराबर है।
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इस शोध में बताया गया है कि कृषि योग्य सबसे ज्यादा भूमि एशिया महाद्वीप में छोड़ी गई है। एशिया में 3.3 करोड़ हेक्टेयर भूमि को खाली ही छोड़ दी गई है। वहीं, यूरोप महाद्वीप में 2.2 करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि खाली पड़ी है। इसके अलावा अफ्रीका में 1.9 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि खाली पड़ी है। वहीं, अगर देशों के हिसाब से बात करें तो सबसे अधिक रूस 1.24 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि खाली पड़ी है. जबकि चीन में 87 लाख और ब्राजील में 84 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि खाली पड़ी है।
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बताया कि छोड़ी गई कृषि भूमि में से 6.1 करोड़ हेक्टेयर जमीन खेती के लिए फिर से उपयोग की जा सकती है। इस जमीन पर खेती करके 47.6 करोड़ लोगों का पेट भरा जा सकता है।
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