संबंधित खबरें
Rajasthan News: मंदिर से 5 लाख और गहने लेकर भाग कुत्ता, CCTV फुटेज से सामने आई सच्चाई
Rajasthan Weather Update: ठंड ने बढ़ाई लोगों की परेशानी, लग भी जारी रहेगा बारिश का दौर, IMD ने जारी किया अलर्ट
Rajasthan School Winter Holidays: बढ़ती ठंड ने बढ़ाई चिंता, स्कूलों में हुआ छुट्टियों का ऐलान, इतने दिन बंद रहेंगे स्कूल
Jaipur News: PM मोदी की योजना से महिलाएं लिख रही सफलता की कहानी, इस मेले में दिखी इसकी झलक
Jaipur News: राजस्थान के कोटपुतली में बड़ा हादसा, 3 साल की बच्ची बोरवेल गिरी, मौके पर पहुंचा प्रशासन
Sawai Madhopur News: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से आई बुरी खबर, इन हालातों में मिला युवा बाघ टी 2309 का शव
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कॉलेजियम की बैठक को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत लाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सभी कॉलेजियम सदस्यों द्वारा तैयार और हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव को ही अंतिम निर्णय कहा जा सकता है। इस टिप्पणी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका खारिज कर दी है, जिसमें 12 दिसंबर 2018 को कॉलेजियम की तरफ से नए जजों की नियुक्ति को लेकर लिए गए फैसले को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कॉलेजियम की बैठकों में जो कुछ भी चर्चा की गई है, वह सार्वजनिक डोमेन में नहीं होगी। केवल अंतिम निर्णय को अपलोड करने की जरूरत है।
जानकारी दें, सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, “कॉलेजियम एक बहु-सदस्यीय निकाय है जिसका निर्णय औपचारिक रूप से तैयार और हस्ताक्षरित किए जा सकने वाले संकल्प में शामिल होता है।” उन्होंने कहा कि केवल अंतिम निर्णय को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। इसमें आगे कहा गया है कि कॉलेजियम में जिन बातों पर चर्चा हुई थी, उसे सार्वजनिक डोमेन में वह भी आरटीआई अधिनियम के तहत डालने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एक्टीविस्ट अंजलि भारद्वाज की एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें 12 दिसंबर, 2018 को आयोजित एक बैठक के संबंध में शीर्ष अदालत के कॉलेजियम के एजेंडे की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिसंबर को रिटायर्ड जजों की आलोचना करते हुए कहा था, “कॉलेजियम द्वारा पहले लिए गए फैसलों पर टिप्पणी करना उनके लिए एक फैशन बन गया है और मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली को पटरी से नहीं उतारना चाहिए।” शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा था कि कॉलेजियम सबसे पारदर्शी संस्था है।
पीठ ने आगे कहा कि वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती कि शीर्ष अदालत के कुछ पूर्व न्यायाधीश, जो कभी उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के सदस्य थे, अब इसके बारे में क्या कह रहे हैं। पीठ ने कहा, “आजकल, (कॉलेजियम के) पहले के फैसलों पर टिप्पणी करना एक फैशन बन गया है, जब वे (पूर्व न्यायाधीश) कॉलेजियम का हिस्सा थे।” इसने आगे कहा, “हम उनकी टिप्पणियों पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं।”
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.