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Amarnath Yatra: श्रीनगर में 13600 फीट पर बसे बाबा बर्फानी का दर्शन करने से मिलता है मोक्ष, जानें क्या है इसका इतिहास

BY: Himanshu Pandey • LAST UPDATED : June 30, 2023, 11:41 pm IST
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Amarnath Yatra: श्रीनगर में 13600 फीट पर बसे बाबा बर्फानी का दर्शन करने से मिलता है मोक्ष, जानें क्या है इसका इतिहास

India News(इंडिया न्यूज़), Amarnath Yatra, History, Mystery and Importance: अमरनाथ हिंदुओं में सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में एक माना जाता है। लोगों का मानना है कि, यहां आने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और लोगों का हर दु:ख कट जाता है। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 13600 फीट पर बसे बाबा बर्फानी का दर्शन करने को लेकर हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। लेकिन क्या आपको बाबा बर्फानी के रहस्य और इतिहास के बारे में पता है, अगर नहीं पता तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी यह खास बातें।

क्या है अमरनाथ यात्रा का इतिहास?

अमरनाथ यात्रा से जुड़े इतिहास की बात करें तो माना जाता है कि, बाबा बर्फानी का सबसे पहले महर्षि भृगु ने दर्शन किया था। एक समय ऐसा था जब कश्मीर घाटी पूरी तरह पानी में डूब गई थी। तो महर्षि कश्यप ने ही इसे नदियों के पानी को बाहर निकाला था। सभी मूल दिनों ऋषि भृगु ने हिमालय की यात्रा पर निकले थे और तपस्या के लिए एक एकांतवास की खोज में थे। तभी उन्हें बाबा अमरनाथ की गुफा का पता चला जिसके बाद वह वहां दर्शन किए। जिसके बाद से हर साल सावन मास में महादेव की इस गुफा का दर्शन करने की शुरुआत हुई ।

अमरनाथ यात्रा से मिलता है मोक्ष

अमरनाथ गुफा के महत्व की बात करें तो, इस अमरनाथ गुफा को बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, बाबा बर्फानी का शिवलिंग पूरा बर्फ से बना हुआ है। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि, बाबा बर्फानी का जो भी भक्त श्रद्धा से दर्शन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के मुताबिक बाकी दर्शनों से कई गुना अमरनाथ गुफा का दर्शन से पुण्य मिलता है ।

अमरनाथ गुफा का क्या है रहस्य?

अमरनाथ गुफा गर्मी के मौसम के अलावा ज्यादातर मौसमों में अमरनाथ बर्फ से लगा रहता है। अमरनाथ गुफा का रहस्य यह है कि, यहां का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है। बता दें कि गुफा की छत से दरारों से पानी की बूंदे टपकती है। जिससे बर्फ का शिवलिंग बनता है। इसके अलावा शिवलिंग के बगल में भी दो छोटे शिवलिंग बनते हैं। जिसे भक्त माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है।

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