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केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच लगभग 2 महीने तक तनातनी चलने के बाद केंद्र सरकार ने पांच जजों के नामों को मंजूरी दे दी है। मूंजरी मिलने के बाद राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति का परवाना भी जारी कर दिया गया है। इसके बाद आज यानी सोमवार को शपथग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पांच नए जजों जस्टिस पंकज मित्थल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला और जस्टिस मनोज मिश्र को न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगे।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत में जजों की संख्या 32 हो जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के छह सदस्यीय कॉलेजियम ने 13 दिसंबर 2022 को इन पांच जजों के नामों की सिफारिश की थी। इसके अलावा कॉलेजियम ने दो और जजों के नाम की सिफारिश कर रखी है।
ये हैं सुप्रीम कोर्ट के पांच नए जज-
जस्टिस पंकज मित्थल मेरठ के रहने वाले हैं। यह वरिष्ठता में पहले नंबर पर आते हैं। इन्होंने 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की, इसके बाद 1985 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। उन्होंने इसी साल उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में पंजीकरण कराने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करनी शुरू कर दी थी।
जस्टिस संजय करोल वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर हैं। इनका मूल हाईकोर्ट हिमाचल प्रदेश है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के दौरान वह पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। जस्टिस संजय करोल ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राजकीय डिग्री कॉलेज, शिमला से शिक्षा हासिल की है।
जस्टिस पीवी संजय कुमार मूलरूप से तेलंगाना हाईकोर्ट से संबंध रखते हैं। इन्होंने निजाम कॉलेज, हैदराबाद से स्नातक करने के बाद 1988 में दिल्ली विवि से लॉ की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। जस्टि कुमार को 2008 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था।
जस्टिस ए अमानुल्ला इस समय पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं। इन्होंने 1991 में बिहार राज्य बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू करनी शुरू कर दी थी। 20 जून, 2011 को पटना हाईकोर्ट में न्यायधीश बनने तक वह उसी हाईकोर्ट में सरकारी वकील थे। उनका तबादला 10 अक्तूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में किया गया था।
मनोज मिश्रा वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायधीश हैं। इन्होंने साल 2011 में न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। मनोज मिश्रा को 12 दिसंबर, 1988 को एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में प्रैकटिस कर रखी थी।
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