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इंडिया न्यूज़(दिल्ली) : कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोमवार शाम 4 बजे देश में एक साथ वोटिंग खत्म हो गई है। अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेताओं ने मतदान किया। कांग्रेस मुख्यालय पर वोटिंग के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि नए अध्यक्ष का इंतजार लंबे वक्त से था।
वोटिंग खत्म होने के बाद चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि 9900 में से 9500 डेलिगेट्स ने वोट डाले। यानी कुल पोलिंग 96% रही। वोटिंग के दौरान किसी भी राज्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। सभी राज्यों से 18 अक्टूबर को बैलेट बॉक्स आएगा। आपको बता दें,19 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी।
वोटिंग से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में थरूर को पोलिंग एजेंट्स नहीं मिले। कांग्रेस ने इसके बाद नियमों में बदलाव किया और उन्हें पोलिंग एजेंट्स उपलब्ध कराए गए। कांग्रेस संविधान के मुताबिक वोट डालने वाले डेलिगेट्स ही पोलिंग एजेंट होते हैं। इसके बाद, शशि थरूर ने एक ट्वीट में लिखा – कुछ लड़ाइयां हम इसलिए भी लड़ते हैं कि इतिहास याद रख सके कि वर्तमान खामोश नहीं था।
कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी ने बताया कि चुनाव में 36 पोलिंग स्टेशन, 67 बूथ बनाए गए। सबसे ज्यादा 6 बूथ UP में बनाए गए। हर 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स ने कर्नाटक के बेल्लारी में वोट डाला।
शशि थरूर- कांग्रेस की किस्मत का फैसला कार्यकर्ता करेंगे। कांग्रेस में परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है। मैंने खड़गे जी से बात की है और उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। परिणाम कुछ भी हो, हम सहयोगी बने रहेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे- यह हमारे आंतरिक चुनाव का हिस्सा है। हमने एक-दूसरे से जो कुछ भी कहा वह मैत्रीपूर्ण ही है। हमें मिलकर पार्टी बनानी है। थरूर ने मुझे फोन किया और शुभकामनाएं दीं और मैंने भी उन्हें मुबारकबाद दी है।
ज्ञात हो, कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, लेकिन जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने पर गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली।
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