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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली न्यूज। Surya Grahan-2022 Live: साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज लग रहा है जो दिखना शुरू हो चुका है। यह खंड सूर्यग्रहण यानी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण का असर भारत समेत दुनिया के कई इलाकों में देखने को मिलेगा। 25 अक्टूबर 202, दिन मंगलवार को सुबह 11.28 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है और शाम 5.24 बजे तक करीब सात घंटे चलेगा। चूंकि दीपावली भारत में एक दिन पहले ही 24 अक्टूबर को मना ली गई है ऐसे में इस ग्रहण का दिवाली पर कोई असर नहीं रहा।
ग्रहण के दौरान भगवत नाम का स्मरण बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। ग्रहण के बाद गंगा समेत विभिन्न पवित्र नदियों में स्नान का भी महत्व हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार, सूतक के दौरान मंदिरों व स्थापित मूर्ति पूजा निषेध है। यही नहीं इस दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखे जाते हैं। इसके अलावा मंदिरों में ग्रहण के बाद साफ-सफाई होने के बाद ही पूजा आरंभ होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार ग्रहण का स्पर्श इस बार भारत में ही होगा।
सूर्य ग्रहण का अब मध्यकाल शुरू हो चुका है। कुछ ही देर में तय समय के अनुसार, सभी को अपने-अपने इलाकों में ग्रहण देखने को मिल सकता है। करीब 7 घंटे तक चलने वाले इस ग्रहण को ज्यादातर लोग साढ़ 4 बजे से साढ़ पांच बजे तक देख सकेंगे। साढ़े 5 बजे के बाद ग्रहण का मोक्षकाल यानी ग्रहण समाप्ति का समय होगा।
ग्रहण काल के बाद लोगों को चाहिए कि स्नान कर खुद को पवित्र करें और मंदिर के देवी-देवताओं को भी स्नान कराएं। घर के मंदिर में बैठे देवताओं व घर में गंगाजल का छिड़ककर स्थान को पवित्र करें। जो लोग ग्रहण के दौरान अन्न-जल नहीं लिया वे अब ग्रहण के बाद भोजन कर सकते हैं।
ग्रहण का सूतक काल ग्रहण ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले और ग्रहण समाप्ति के 12 घंटे बात तक माना गया है। ऐसे में सूतक काल समाप्त होने के बाद ही मंदिरों में पूजा होगी। हालांकि जो लोग ज्योतिष या सनातन परंपराओं में आस्था नहीं रखने उन्हें कुुछ भी करने की जरूरत नहीं है।
ग्रहण के सूतक के समय बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिला, एवं रोगी को जरूरी आहार अथवा दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है। गर्भवती महिलाएं ग्रहण खास सावधानी बरतें, चाकू, सुई , इत्यादि से कोई कार्य न करे। सम्भव हो तो टहलें, सोये नही तो अच्छा रहेगा। पंडित राजीश द्विवेदी केअनुसार, ग्रहण में सूतक का पालन तो करना ही चाहिए।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी वर्तनी चाहिए। खासकर ग्रहण के दौरान अपने पास किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, चाकू, असलाह आदि न रखें। ग्रहण के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय मंत्र जाप करें। ग्रहण के बाद स्नान दान करें।
इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होगा। जानकारों के मुताबिक ग्रहण काल में गर्भ में पल रहे बच्चों को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिस विभिन्न उपाय अपनाने चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है।
बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं होगा। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के वक्त खुले आसमान के नीचे न जाएं,चाकू, सुई, इत्यादि से कोई कार्य न करे। सम्भव हो तो टहलें, सोये नही तो अच्छा रहेगा।
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