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इंडिया न्यूज़ : महिला अधिकारों, समानता और महिलाओं की सुरक्षा पर आधारित समर्पित इंडिया न्यूज़ के खास कार्यक्रम ‘वी वीमेन वांट’ में दिल्ली महिला आयोग की अध्य्क्ष स्वाति मालीवाल ने खुलकर अपनी बात रखी। यहां उन्होंने इस कार्यक्रम में दिल्ली की तमाम महिलाओं की सुरक्षा और उनके सवाल कैसे बने रहे इसपर अपनी प्रतिक्रिया सामने रखीं। यहां उन्होंने अपने तीन -तीन साल के दो ट्रम पुरे होने के बाद तीसरे ट्रम में जिम्मेदारी निर्वहन करने पर महिलाओं के लिया क्या किया। इसपर अपनी उपलब्धियां भी गिनवाईं।
बता दें, अपनी उपलब्धियों पर बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने दिल्ली की पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष पर निशाना साधा। मालीवाल ने कहा कि पूर्व अध्य्क्ष ने अपने कार्यकाल में सिर्फ एक केस की सुनवाई की। जबकि अपने कार्यकाल पर स्वाति मालीवाल ने कहा कि पिछले छह साल के कार्यकाल में उन्होंने एक लाख से ज्यादा केस की सुनवाई की। आगे उन्होंने कहा कि हमने महिला सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन की व्यवस्था की। सबसे बड़ी बात ये हेल्पलाइन नंबर की कमान एक महिला के हाथ में ही है।
बता दें, महिलाओं के हक़ पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से जो हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया उसपे रोजाना हजारों कॉल आती है। हम उनको मदद के साथ हिम्मत भी देते है। महिला सुरक्षा के लिए आयोग पुलिस, सरकार और कई ऑथोरिटी से सवाल भी करती है।
बता दें, एक बलात्कार मालमे का जिक्र करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि उस समय उस पीड़िता के लिए हमने अस्पताल से सड़कों तक संघर्ष किया। नतीजा ये हुआ कि उनके 10 दिन के अनशन के बाद सरकार ने छोटे बच्चियों के साथ बलात्कार पर फांसी की सजा का प्रावधान किया। महिला सुरक्षा के लिए उन्होंने दो बार 10 दिनों से ज्यादा अनशन पर बैठी।
बता दें, जब मालीवाल से उनके पुराने काम -काज के तरीके पर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा कि वो एक्टिविस्ट थी,हूं और रहूंगी। उनके कहा पहले वो सड़क से एक्टिविज़्म करती थी अब इस कुर्सी पर बैठकर एक्टिविज़्म करती हैं। मालीवाल ने कहा कि ज्यों ही उन्हें किसी महिला के साथ गलत होने की सूचना मिलती है। वे समन भेजकर अपने तरीके से एक्टिविज़्म करती हैं। यही उनका काम करने का तरीका है।
बता दें, इस कार्यक्रम में उन्होंने पिता पर लगाए आरोपों पर एक बार फिर से उन्होंने अपनी बात को दुहराई। आगे उन्होंने कहा कि पिता द्वारा किया गया शोषण उन्हें अंदर से खाए जा रही थी। मालीवाल ने यह भी कहा कि उन्हें उनके इस बयान पर कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। जबकि उस वाकये से वो अभी भी सोते समय डर जाती हैं। पिता द्वारा किये गए शोषण को उजागर वो हल्का महसूस कर रही हैं। उस दर्द से ही वो एक्टिविज़्म की राह पर आईं।
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