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इंडिया न्यूज, Garhwa News (झारखंड)। केरल, दिल्ली, बिहार के बाद अब झारखंड के गढ़वा शहर के टंडवा मोहल्ले में भी मंकीपाक्स दस्तक दे चुका है। यहां पर एक 7 वर्षीय बच्ची में मंकीपाक्स के लक्षण पाए गए हैं। बालिका को सदर अस्पताल के एक वार्ड में भर्ती किया गया है।
बता दें कि अस्पताल में बच्ची को अन्य मरीजों से अलग रखा गया है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंकीपाक्स होने की पुष्टि नहीं की है। लेकिन बच्ची के शरीर में मंकीपाक्स से मिलते जुलते लक्षण होने की बात कही जा रही है।
वहीं बच्ची के शरीर पर छाले होने, दर्द व कई अन्य लक्षण बताए जा रहे हैं। इस संबंध में जिला महामारी विशेषज्ञ डा. संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि जिला सर्विलांस टीम बीमार बालिका की स्थिति पर नजर रखे हुए है। फिलवक्त सदर अस्पताल में एक वार्ड में रखकर उसका इलाज किया जा रहा है।
जिला महामारी विशेषज्ञ डा. संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि बच्ची को एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा रही हैं। साथ ही छाले जैसे घावों की साफ-सफाई की जा रही है।
आइसीएमआर एनआइवी पुणे में बीमार बालिका का पोलिमरेज चेन रिएक्शन, ब्लड जांच, सीरम जांच व घाव के इर्द गिर्द की परत के नमूने लेकर भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। बच्ची की मां स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है। बच्ची में मंकीपाक्स से मिलते जुलते लक्षण के कारण उसके परिवार वालों ने सदर अस्पताल में लाकर भर्ती करवाया है।
वह 4 दिनों से बीमार है। तब उसके लक्षण के आधार पर इलाज व जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि मंकीपाक्स का वायरस छूने के बाद ही एक-दूसरे में ट्रांसफर होता है। वायरस हवा से नहीं फैलता है। फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
वहीं गढ़वा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डा. कमलेश कुमार ने कहा कि बरसात में इस तरह की बीमारियां हो जाती हैं। बच्ची सदर अस्पताल में उपचाराधीन है। इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
क्योंकि बच्ची की कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है, तो फिर मंकीपाक्स का वायरस उसमें कहां से आएगा। फिर भी सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
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