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टेक डेस्क/नई दिल्ली (Tech News: Government is very close to drafting the Digital India Act): देश में तेजी से बढ़ते अवैध, आपराधिक और बाल यौन शोषण सामग्री जैसे ऑनलाइन आपराधिक गतिविधियों को खिलाफ सरकार जल्द ही कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक इंटरनेट के माध्यम से होने वाले प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया अधिनियम में नए नियमों को शामिल करने के लिए काम कर रही है।
राज्य मंत्री ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा आयोजित ‘बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम)’ पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इससे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) और अन्य बिचौलिये आपत्तिजनक सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह हैं।
उन्होंने कहा कि देश में मौजूद आईटी एक्ट वर्तमान समय इन चुनौतियों का समाधान नहीं करता। चंद्रशेखर ने कहा, “इसलिए, सरकार ने आईटी नियम, 2021 का गठन किया और 2022 में बिचौलियों को उत्तरदायी बनाने के लिए इसमें संशोधन किया, और यह एक डिजिटल प्रौद्योगिकी कानून लाने का भी प्रस्ताव कर रही है।”
चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार एक डिजिटल इंडिया अधिनियम पर काम कर रही है जिसमें अवैध, आपराधिक और बाल यौन शोषण सामग्री के इंटरनेट-समर्थित संचलन को रोकने के लिए नए नियम शामिल किए हैं। डिजिटल इंडिया अधिनियम में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग्स के लिए भी नए नियम बनाए हैं।
राज्य मंत्री ने कहा कि इंटरनेट लोगों के सशक्तिकरण के लिए एक उपकरण के रूप में देखा गया था और अब एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र में बदल गया है जो आपराधिकता और अवैधता के जरिए अपराध को फैला रहा है।
केंद्र सरकार ऑनलाइन अपराध को रोकने के लिए एक नया एक्ट लेकर आ रही है जो देश में मौजूदा आईटी एक्ट 2000 की जगह लेगा। सरकार इस नए डिजिटल इंडिया एक्ट का मसौदा तैयार करने के काफी करीब है जिसमें ऑनलाइन नुकसान, डी-प्लेटफॉर्मिंग, डॉक्सिंग और सोशल मीडिया एल्गोरिदम जैसे प्रमुख मुद्दों पर डिजिटल स्पेस को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए गएं हैं। कानून से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के समान इंटरनेट के लिए एक नियामक बनाने की भी उम्मीद है।
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