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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारत के लड़ाकू विमान तेजस ने एक प्रतियोगिता मे चीन, रूस व दक्षिण कोरिया को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है। प्रतियोगिता दक्षिण-एशियाई देश मलेशिया में वहां के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए आयोजित की गई।
इसमें चीन के लड़ाकू विमान जेएफ-17, रूस के फाइटर याक 130 व मिग-35 और दक्षिण कोरिया के एफए-50 ने हिस्सा लिया। बता दें कि भारत का स्वदेश निर्मित तेजस अपनी खूबियों के कारण मलेशिया की भी पहली पसंद बना हुआ है। यही कारण है कि हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाया गया तेजस एक बार फिर सुर्खियों में है। दोनों देशों के बीच इस फाइटर जेट की डील पर वार्ता भी चल रही है।
तेजस सुखोई विमान जितना मिसाइल व हथियार ले जाने में सक्षम है। यह अपने साथ 800 टन तक वजन ले जा सकता है। तेजस की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्पीड है। ये जेट फाइटर दूर से ही दुश्मन के विमानों को निशाना बना सकता है। अपने अत्याधुनिक सिस्टम के कारण तेजस युद्ध के मैदान में दुश्मन के रडार को चकमा देने में भी सक्षम है। ये विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ान भर सकते हैं।
हल्?के होने के कारण तेजस की गति बेजोड़ है। तेजस में नई तकनीक इस्तेमाल की गई है। यह क्रिटिकल आपरेशन क्षमता के लिए बियांड विजुअल रेंज मिसाइल, एक्टिव इलेक्ट्रानिकली-स्कैन्ड रडार और इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट से संपन्न है। हल्का होने के कारण इसकी रफ्तार भी बेजोड़ है। तेजस की खास बात यह भी है कि यह हवा में ईंधन भर सकता है और युद्ध के लिए दोबारा हवा में ही तैयार हो सकता है।
तेजस में एक समय में नौ तरह के हथियारों से फायर करने की क्षमता है। इस पर बम, रॉकेट व एंटीशिप मिसाइल भी लगाए जा सकते हैं। यह हवा से जमीन, हवा से पानी व हवा से हवा में भी मिसाइल दागने में सक्षम है। तेज केवल 460 मीटर वाले रनवे पर दौड़कर उड़ने में भी सक्षम है। ऐसे में यह नौसेना के किसी भी विमानवाहक पोत से टेकआफ व उस पर लैंडिंग करने में निपुण है। यह फाइटर जेट कम उंचाई पर भी उड़ान भरकर दुश्मन पर नजदीक से हमला कर सकता है। इसके अलावा यह लेजर गाइडेड मिसाइल से भी धावा बोल सकता है। जैमर प्रोटेक्शन तकनीक से लैस होने के कारण यह दुश्मन को चकमा देता है।
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