इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि राज्य “ड्रग्स कैपिटल” के रूप में पंजाब की जगह लेता दिख रहा है। गवर्नर ने यह भी कहा कि उन्हें शर्म आती है कि राज्य के राजस्व के दो प्रमुख स्रोत लॉटरी और शराब हैं। राज्यपाल ने कहा कि हर राज्य शराब के खिलाफ अभियान चला रहा है और केरल में इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गवर्नर ने कहा, यहाँ सरकार ने तय किया है कि लॉटरी और शराब हमारे विकास के लिए पर्याप्त हैं। जबकि 100 प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य के लिए यह कितनी शर्मनाक स्थिति है। राज्यपाल होने के नाते मुझे शर्म आती है कि राज्य में राजस्व के दो मुख्य स्रोत- लॉटरी और शराब हैं। लॉटरी क्या है? क्या यहां बैठे आप में से किसी ने कभी लॉटरी टिकट खरीदा है। केवल बहुत गरीब लोग लॉटरी टिकट खरीदते हैं। आप उन्हें लूट रहे हैं। आप राज्य के लोगों को शराब का आदी बना रहे हैं।”
राज्य सरकार और गवर्नर इन दिनों हैं आमने- सामने
आपको बता दें, इनदिनों केरल सरकार और राज्यपाल इस समय यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों समेत अन्य मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं। गवर्नर ने कहा कि केरल ड्रग्स की राजधानी बनता जा रहा है क्योंकि यहां शराब की बिक्री को बढ़ावा दिया जाता है। राज्यपाल ने कहा, “हर कोई शराब की खपत के खिलाफ अभियान चलाता है। यहां शराब की खपत को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ये कितनी शर्म की बात है?” खान ने केरल के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल की जिम्मेदारी थी।
विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर गवर्नर है राज्य सरकार से खफा
विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर गवर्नर ने कहा अगर सरकार कोई कानून पारित करती है, तो वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों के प्रावधानों के अनुसार होना चाहिए। खान ने केरल के उन मंत्रियों पर भी हमला किया जिन्होंने उनके अधिकार पर सवाल उठाया था और कहा था कि क्या उत्तर प्रदेश का कोई राज्यपाल केरल की शिक्षा प्रणाली को समझ सकता है। इस पर खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के फैसले पर टिप्पणी ना करें क्योंकि कल उन्होंने केरल तकनीकी विश्वविद्यालय के वीसी की आपकी नियुक्ति के खिलाफ फैसला दिया था।