संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
इंडिया न्यूज़: (First Case of Killer Plant Fungus) देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सभी इस वायरस से बचाव के लिए सावधानियां बरत रहें हैं। इसी बीच कोलकाता से बीते दिनों एक और चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। बता दें कि यहां एक शख्स के पौधे से संक्रमित होने का मामला सामने आया है। यह दुनिया का पहला ऐसा मामला है, जहां पौधे से इंसान को संक्रमण हो गया है। जी हां, इस बीमारी को ‘किलर प्लांट फंगस’ नाम दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, 61 वर्षीय पीड़ित पेशे से एक प्लांट माइकोलॉजिस्ट है। माइकोलॉजिस्ट ऐसे लोग होते हैं, जो सड़ने वाली सामग्री, मशरूम और विभिन्न पौधों के फंगस पर रिसर्च करते हैं। तो यहां जानिए ‘किलर प्लांट फंगस’ से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।
इस फंगस को चोंड्रोस्टेरियम परप्यूरियम (Chondrostereum Purpureum) के रूप में भी जाना जाता है, जो पौधों में सिल्वर लीफ रोग की वजह से उत्पन्न होता है। बता दें कि ये चोंड्रोस्टेरियम परप्यूरियम एक घातक संक्रमण है, जो पहले सिर्फ पौधों तक सीमित था लेकिन इससे वनस्पतियों में सिल्वर लीफ रोग होता है। ये अक्सर गुलाब की प्रजातियों में ज्यादा देखने को मिलता है।
विशेषज्ञों की मानें तो फंगल इन्फेक्शन यीस्ट, मोल्ड्स और अन्य प्रकार के फंगस कारण होता है। इसमें से ज्यादातर फंगस बीमारी का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन कुछ लोग इसकी वजह बीमार हो सकते हैं। आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली यानी कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है।
जानकारी के मुताबिक, इस फंगस से पीड़ित व्यक्ति के गर्दन का सीटी स्कैन करने पर डॉक्टर्स को पस मिला है, जिसे उन्होंने सर्जिकली निकाल दिया। इसके बाद मरीज को एंटीफंगल दवा का एक कोर्स भी दिया गया। दो साल के नियमित फॉलो-अप के बाद उसे स्वस्थ घोषित कर दिया गया है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.