India News (इंडिया न्यूज़), growth through a hole in the skull: दुनिया में कई अजीबो गरीब लोग देखने को मिलते रहते हैं। कोई अपने सनक में कुछ भी करता है तो कोई शौक के लिए ऐसे ही एक शख्स ने एक्सपेरिमेंट के नाम पर ड्रिल मशीन अपनी खोपड़ी ही खोल दी थी और ऐसा उसने अपनी टेंशन को कम करने के लिए किया था। दरअसल जा मामला यूके के एलएसडी ड्रग्स को लेकर हुआ था। जिसमें एक्सपेरिमेंट को लीड करने वाले जोए मेलन ने 1960 में एक डच एकडेमिक बार्ट होगेस से ये तरीका सीखा था।
- खोपड़ी में छेद से बढ़ती है बुद्धि
- तीसरी बार में हुआ ऑपरेशन सफल
खोपड़ी में छेद से बढ़ती है बुद्धि
जोए ने बार्ट के जरिये टेंशन को कम करने के लिए अजीबोगरीब इस तरीके को लिखा था। जिसमें इंसान की खोपड़ी में छेद करना होता है। जिससे ब्लड जो भी ठीक हो जाता है। जोए के मुताबिक़, खोपड़ी में छेद करने से इंसान की बुद्धि भी बढ़ जाती है। जिसके बाद उसको कोई भी मुश्किल काम आसान लगने लगते हैं। बार्ट ने इस तरीके को 1960 में सिखा था। लेकिन इसके अनुभव के बारे में उन्होंने अब लोगों से बताया।
तीसरी बार में हुआ ऑपरेशन सफल
जोए बताते हैं कि उनका यह ऑपरेशन में काफी मुश्किलें आई थी। वह तीन बार में इस ऑपरेशन को पूरा किया। उन्होंने बताया कि पहली बार का ऑपरेशन में काफी मुश्किलें आई थी। उसने उस समय कुछ दवाइयां भी खाई थी लेकिन उसका नहीं हुआ था। दो बार असफल होने के बाद तीसरे में उन्होंने इलेक्ट्रिक ड्रिल का इस्तेमाल किया। थोड़ा सा खून बहा लेकिन आधे घंटे में खोपड़ी में छेद हो गया। जिसके बाद उन्होंने अपने आप को काफी हल्का महसूस किया और बताया कि ऑपरेशन के बाद उनका दिमाग काफी हल्का लगता है।
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