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भारत की ऐसी दो महिला जिन्होंने रचा है इतिहास और सबसे पहले किया ग्रेजुएशन पूरा

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : April 20, 2023, 11:39 pm IST
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भारत की ऐसी दो महिला जिन्होंने रचा है इतिहास और सबसे पहले किया ग्रेजुएशन पूरा

इंडिया न्यूज:(Two women of India who have created history) दुनिया भर की महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं वही हमारे देश में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है। आज अक्सर हर किसी के पास कम से कम ग्रेजुएशन की डिग्री जरूर होती है। इस मामले में सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी आगे हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है, कि आखिर ऐसा कौन रहा होगा, जिसने सबसे पहले ग्रेजुएशन पूरा किया है। अगर नहीं पता तो चलिए आज हम इस रिपोर्ट में आपको ऐसी दो महिलाओं के बारे में बताएंगे जो भारत में सबसे पहले ग्रेजुएट हुई थी। तो चलिए जानते हैं इन दोनों महिलाओं के बारे में आखिर कौन हैं ये महिलाएं ।

  • कादंबिनी और चंद्रमुखी ने किया सबसे पहले ग्रेजुएशन
  • कौन थी कदंबिनी गांगुली?
  • कौन थी चंद्रमुखी बसु?

कादंबिनी और चंद्रमुखी ने किया सबसे पहले ग्रेजुएशन

कोलकाता विश्वविद्यालय से एक खबर के मुताबिक पता चला कि साल 1883 में एक नहीं बल्कि 2 महिलाओं ने कोलकाता विश्वविद्यालय से पहली बार स्नातक की परीक्षा की थी। सिर्फ यही नही ये दो महिलाएं भारत में ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिलाएं थी। जिसमें से एक का नाम कादंबिनी गांगुली और दूसरी महिला का नाम था चंद्रमुखी बसु था ।

कौन थी कदंबिनी गांगुली?

कादंबिनी गांगुली का जन्म 1861 में बिहार के भागलपुर में हुआ था और इनके पिता भागलपुर के ही स्कूल में हेडमास्टर के तौर पर कार्यरत थे। कदंबिनी ग्रेजुएशन के बाद भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था और यह सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की पहली महिला फिजीशियन प्रैक्टिशनर भी बनीं। साथ ही यह महिला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला स्पीकर भी बनी थी ।

कौन थी चंद्रमुखी बसु?

चंद्रमुखी बसु देहरादून की रहने वाली थी और उनका जन्म 1860 में हुआ था। बता देगी चंद्रमुखी बसु ने कदंबिनी गांगुली से पहले ही 1876 में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी। लेकिन किसी वजह से उन्हें उस वर्ष यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिल सका। जिसके बाद उन्होंने साल 1878 में उन्होंने फिर से प्रयास किया और बेथुने कॉलेज में एडमिशन लिया। इसके बाद चंद्रमुखी M.A में एडमिशन लिया और यह पूरे ब्रिटिश साम्राज्य की पहली महिला बनीं जिन्होंने M.A की परीक्षा पास की थी।

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