संबंधित खबरें
Jammu and Kashmir: बडगाम में खाई में गिरी BSF जवानों की बस, 4 जवान शहीद, 32 घायल
मेरठ में बड़ा हादसा, तीन मंजिला मकान गिरने से कई घायल, मलबे में दबे पशु
किस दिन होगा केजरीवाल की किस्मत का फैसला? इस घोटाले में काट रहे हैं सजा
No Horn Please: हिमचाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रेशर हॉर्न बजाने पर वाहन उठा लेगी पुलिस
Himachal News: बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छे दिन! जानें पूरी खबर
Rajasthan: चेतन शर्मा का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन, किराए के मकान में रहने के लिए नहीं थे पैसे
India News,(इंडिया न्यूज), UN Poverty Report: महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़ों के बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत में 2005 से 2021 के बीच करीब 41.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं। वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि भारत उन 25 देशों में शामिल है, जिन्होंने 15 साल में सफलतापूर्वक अपने एमपीआई मूल्यों को आधा कर दिया है। यूएन की इस रिपोर्ट में कुछ और देशों का भी नाम शामिल है।
भारत की तरह गरीबी लिस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले देशों में चीन, कंबोडिया, कांगो, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया, होंडुरास, इंडोनेशिया, मोरक्को और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने बताया की 2000 से लेकर 2022 तक इन देशों में अलग-अलग तरीके से छान-बीन की जा रही थी। जिसमें कई चीजों को देखा गया था जैसे- लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी कैसे जी रहे हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य तक कितनी पहुंची है, रहने के घर से लेकर पीने का पानी और बिजली जैसी सुविधाओं पर भी नजर रखी गई।
भारत के बारे में इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2005/2006 में जहां 55% (करीब 64.45 करोड़) लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, वहीं साल 2019/2021 तक ये संख्या घटकर 16% (23 करोड़) तक आ गई थी। इस हिसाब से भारत में इन 15 सालों में 41.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.