संबंधित खबरें
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
Fake army officer: सेना का फर्जी अफसर बन विदेशी महिला के साथ कांड…फिर शर्मसार हुई ताज नगरी
UP News: अखिलेश यादव ने खेला बड़ा दाव, घर-घर पहुंचा PDA का पर्चा, अंबेडकर विवाद में नया मोड़
Kuno National Park: कुनो नेशनल पार्क से फिर फरार हुआ चीता, वीडियो आया सामने, लोगों में दहशत का माहौल
India News (इंडिया न्यूज़), UN: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को लेकर अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है। मणिपुर में बिना कपड़ो के महिलाओं की परेड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसको लेकर अब संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सोमवार को इसको लेकर कहा कि, मणिपुर में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाकर हुई लिंग आधारित हिंसा की खबरों और तस्वीरें काफी चिंताजनक है।
सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ उन्होंने भारत सरकार को हिंसा की घटनाओं की जांच करने और अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए समय से कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने मणिपुर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की खबरों को लेकर चिंता जताई है, जिनमें यौन हिंसा, न्यायेतर हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्य भी शामिल हैं।
बता दें कि, भारत ने अतीत में कहा था न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं साथ ही शांति और सद्भाव तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी वे कदम उठा रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा व दमन को वैध बनाने के लिए आतंकवाद-रोधी कदमों के कथित दुरुपयोग से हम और चिंतित हैं।
इसके साथ ही विशेषज्ञों ने भारत सरकार से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयासों में तेजी लाने के साथ ही हिंसा की जांच करने व समय पर कार्रवाई करने और अधिकारियों सहित अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने का भी आग्रह किया है। विशेषज्ञों ने यह भी दावा किया कि, मणिपुर की हाल की घटनाएं भारत में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की बिगड़ती स्थिति की दिशा में एक और दुखद मील का पत्थर बना है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने मणिपुर में वकीलों और मानवाधिकार रक्षकों द्वारा चलाए गए, तथ्य-खोज मिशन और मणिपुर की स्थिति पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई का स्वागत किया है, हालांकि प्रतिक्रिया समयबद्ध तरीके से आ सकती थी। इसके साथ ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से न्याय, जवाबदेही और क्षतिपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार और अन्य अभिनेताओं की प्रतिक्रिया की निगरानी जारी रखने का भी आग्रह किया है।
ये भी पढ़े- सड़क पर उतरे वकीलों का प्रदर्शन, तीन दिन न्यायिक कार्य से विरत रहकर जताया आक्रोश
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.