संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : गुजरात में प्रचंड जीत के बाद केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ज्यादा आक्रामक हो गई है। इस बीच संसद सत्र के दौरान आज बीजेपी के ही सांसद किरोणी लाल मीणा ने राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर दिया है। जानकारी दें, इस मुद्दे पर संसद में एक बड़ा टकराव देखने को मिला। हालांकि बिल पेश करने के पक्ष में 63 वोट पड़े और विरोध में 23 सांसदों ने मतदान किया।
ज्ञात हो, इस मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। ऐसे में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, “किसी भी सदस्य को बिल पेश करने और अपने क्षेत्र के मुद्दे उठाने का अधिकार है। बिल पेश होने के बाद जब इस पर चर्चा होगी तब हर पार्टी अपनी बात रख सकेगी।इसके लिए राज्यसभा में बहस होनी चाहिए है।” वहीं CPI(M) के सांसद जॉन ब्रिटास ने विधि आयोग की रिपोर्ट का हवाले देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है। यह एक बेकार का मुद्दा है।
जानकारी दें, समान नागरिक संहिता का बिल पेश होते ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके,एनसीपी और टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने बिल पेश करने का जोरदार विरोध किया। समाजवादी पार्टी के सांसद और दिग्गज नेता रामगोपाल यादव ने कहा, “मुसलमान अपनी चचेरी बहन से शादी करना सही मानते हैं क्या हिंदू ऐसा कर सकते हैं। इसीलिए सभी धर्मों की अलग-अलग परंपरा है।” बीजू जनता दल ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और सदन से वॉकआउट किया। अहम बात यह है कि ऐसे कई मौकों पर बीजेडी ने वॉक आउट ही किया है।
आपको बता दें, समान नागरिक संहिता को एक धर्मनिरपेक्ष कानूनी प्रणाली के तौर पर देखा गया है। सभी पंथ के लोगों के लिए यह समान रूप से लागू होता है। इसके तहत अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ का मूल भावना है। समान नागरिक कानून के बाद चाहे कोई व्यक्ति किसी भी धर्म का हो, उस पर एक ही प्रकार के कानून लागू होंगे।
जानकारी हो, इस कानून के जरिए हिंदू मैरिज एक्ट भी खत्म किया जाएगा और शरीया से संबंधित मुस्लिम धर्म के आंतरिक कानूनों का भी अंत किया जाएगा। बीजेपी लंबे वक्त से इस कानून को लाने की कोशिशें करती रही है लेकिन अभी तक इस पर कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.