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UPI Transaction Hike: मार्च का महीना खत्म होने में बस दो ही दिन बाकी है और इसके बाद नया महीना यानि अप्रैल शुरू हो जाएगा। बता दें हर साल की 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाता है। ऐसे में कई चीजों में बदलाव देखे जाते हैं। खबर है कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ यूपीआई से लेन-देन (UPI Transaction) करना महंगा हो जाएगा।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है। जिसमें अप्रैल की पहली तारीख से यूपीआई से होने वाले मर्चेंट पेमेंट पर PPI चार्ज लगाने की बात कही गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, NPCI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की तैयारी की है। ये चार्ज 0.5-1.1 फीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है। खबर है कि UPI के जरिए 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी PPI लगाने का सुझाव दिया गया है। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पडे़गा।
NPCI द्वारा जारी किए गए सर्कुलर से ये संकेत मिल रहे हैं कि 1 अप्रैल से UPI पेमेंट जैसे गूगल पे (Google Pay), फोन पे (Phone Pay) और पेटीएम (Paytm) पर अगर आप 2,000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करेंगे, तो इसके लिए आपको जेब ढीली करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 70 फीसदी UPI P2M लेन-देन 2,000 रुपये से अधिक के मूल्य होते हैं, तो इन पर 0.5 से लगभग 1.1 फीसदी का इंटरचेंज लगेगा।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसकी समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले की जाएगी।
NPCI ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित की है। फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूली जाएगा। यह फीस केवल व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना होगा। सर्कुलर के मुताबिक बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं देना होगा।
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