India News (इंडिया न्यूज़) Violence in Sudan, सूडान: सूडान की सशस्त्र बल सेना (SAF) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच चल रहे शक्ति संघर्ष ने देश को हिलाकर रख दिया है। इस जंग का असर अब भारत के लोगों पर भी पड़ने लगा है। दोनों सशस्त्र बलों में हो रही झड़प से केरल के रहने वाले एक व्यक्ति की जान चली गई है। इसे भारतीयों में डर का माहौल पैदा हो गया है।

वहा फंसे भारतीयों के परिजनों ने की ये अपील

दरअसल, सूडान में ये स्थिति देख वहा फंसे भारतीयों के परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों की ओर से सरकार से अपील की जा रही है कि सूडान में फंसे भारतीयों को वापस घर लाने के लिए निकासी योजना बनाई जाए। इसके बारे में देश के विदेश मंत्री एस.जयशंकर और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बीच सोशल मीडिया पर कई कटाक्ष भी साझा किये।

होटल में पांच दिनों से खाना-पानी नहीं

वहीं सूडान में फंसे एक भारतीय नागरिक ने बताया कि उनके होटल में पांच दिनों से बिजली नहीं है। खाना और पानी की आपूर्ति भी कम है। इन सब के पहले अर्धसैनिक बलों ने होटल में लूटपाट की थी। खार्तूम के अधिकांश हिस्से में बिजली भी नहीं है और अर्धसैनिक बल मरम्मत की अनुमति नहीं दे रहे हैं। भारतीय नागरिक ने कहा कि अर्धसैनिक बल द्वारा लूटपाट एक बड़ी समस्या थी और उन्होंने सरकार से अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के माध्यम से भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

भारतीय नागरिकों के लिए टोल-फ्री नंबर स्थापित

बता दें कि मंत्रालय ने पहले लगभग 1,500 भारतीय नागरिकों के लिए एक समर्पित नियंत्रण कक्ष (टोल-फ्री नंबर 1800118797) स्थापित किया था, जो सूडान में कई स्थानों पर फंसे हुए हैं। वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या भारत हिंसा प्रभावित देश से अपने नागरिकों को निकालना चाहता है तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कुछ योजनाओं पर काम किया जा रहा है, लेकिन यह जमीनी स्थिति पर निर्भर करेगा।

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