होम / हम किसी पश्चिमी देश में नही रहते जहाँ एक दिन तलाक की याचिका आए और दूसरे दिन मंजूर हो जाए: सुप्रीम कोर्ट

हम किसी पश्चिमी देश में नही रहते जहाँ एक दिन तलाक की याचिका आए और दूसरे दिन मंजूर हो जाए: सुप्रीम कोर्ट

Roshan Kumar • LAST UPDATED : October 13, 2022, 5:34 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, supreme court on divorce system): सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस बात पर जोर दिया कि भारतीय कानूनी व्यवस्था में, तलाक की कार्यवाही को शादी को रद्द होने या मध्यस्थता का आदेश देने आदि का आदेश पारित करने से पहले किया जाता है।

जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की बेंच ने कहा कि “भारत में अदालतें पश्चिमी दृष्टिकोण नहीं अपना सकती हैं, जहां बहुत ही कम समय में तलाक की याचिकाओं को अनुमति दी जाती है।”

कोर्ट ने कहा ‘हम पश्चिमी व्यवस्था में नही रहते’

न्यायमूर्ति कौल ने टिप्पणी की, “हमारे यहां पश्चिमी व्यवस्था नहीं है जहां आप एक दिन तलाक फाइल करते हैं और अगले दिन यह मंजूर हो जाता हैं। यहां मुझे लगता है कि दोनों पक्षों को एक मौका देने की जरूरत है, हम पश्चिमी के दर्शन अपने आया आयात नहीं कर सकते।”

अदालत ने एक जोड़े के लिए निजी मध्यस्थता कार्यवाही का आदेश देते हुए यह टिप्पणियां की, कोर्ट ने कहा कि “अनुच्छेद 142 का प्रयोग कर शादी रद्द करने का फैसला नही दिया जा सकता क्योंकि विवाहित जोड़े के साथ रहनी की अवधि सिर्फ 40 दिन है और यह बहुत कम है।”

पीठ, पत्नी द्वारा दायर एक स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां पत्नी ने शादी को बचाने के लिए एक और मौका मांगा, जबकि पति ने शादी के बाद एक साथ रहने के 40 दिनों के भीतर संबंधों टूट का हवाले देते हुए शादी रद्द करने की मांग की थी।

पति-पत्नी दोनों व्यक्तिगत रूप से पेश हुए

दोनों पति-पत्नी आज शीर्ष अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जिसमें पति डिजिटल रूप से पेश हुआ। पत्नी ने तर्क दिया कि उनके अलग होने के बाद कोई दुश्मनी नहीं थी, जबकि पति ने आरोप लगाया कि उसे अपने पैसे का लालच दिया गया था और पहले की मध्यस्थता के प्रयास विफल होने की बात कही.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि “उसके सामने एकमात्र विकल्प यह है की वह दोनों लोगो को सुलह का एक आखिर मौका दे, क्योंकि पत्नी ने शादी के लिए कनाडा में अपनी नौकरी छोड़ी थी।”

केस की सुनवाई के प्रारंभ में, न्यायमूर्ति कौल ने मौखिक बातों से संकेत दिया था की वह, विवाह को रद्द करने के लिए तैयार है, जस्टिस कौल ने कहा था कि “उन दो युवाओं को क्यों मजबूर करें जिनके आगे उनका जीवन है, ऐसे चीज में जो काम नही कर रहा।”

हालांकि फिर कोर्ट ने अपने आदेश में दोनों को एक मौका देने का फैसला किया.

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT