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प्रकाश सिंह बादल के बाद क्या होगा पंजाब की सियासत का हाल ?

BY: Priyanshi Singh • LAST UPDATED : April 27, 2023, 1:42 pm IST
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प्रकाश सिंह बादल के बाद क्या होगा पंजाब की सियासत का हाल ?

Parkash Singh Badal

India News(इंडिया न्यूज), Political Condition Of Punjab After Prakash Singh Badal, चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने मंगलवार को दुनिया को अलवीदा कह दिया। ऐसे में केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में दो दिन (26 और 27 अप्रैल) के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सरकारी मनोरंजन के कार्यक्रम नहीं होंगे। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बादल पंजाब की सियासत के बड़े चेहरों में से एक थे। ऐसे में उनके निधन के बाद ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर अब उनके ना रहने पर पंजाब की सियासत पर इसका कितना और कैसा असर पड़ेगा? क्या गठबंधन की राजनीति में कुछ बदलाव होगा?

पंजाब में हिंदू-सिख भाईचारे की रखी थी नई नींव

बादल के निधन के बाद राजनीतिक गलियारों में पंजाब की सियासत को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ये कहा जा सकता है कि ‘प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब में सियासत की नई बहार लाई थी। एक बार अकाली दल की कमान संभाली तो उन्होंने पार्टी के भीतर किसी को सिर उठाने नहीं दिया।’ इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ’शिअद छोड़कर अगर किसी ने अलग अकाली दल बनाया तो वह सफल नहीं हो पाया। कई नेताओं ने पार्टी छोड़कर अकाली दल का गठन करना चाहा लेकिन सफल नहीं हो पाए। उनकी राजनीतिक सूझबूझ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पंजाब में हिंदू-सिख भाईचारे की नई नींव रखी और तनाव भी खत्म कर दिया।

हर राजनीतिक दल में बादल के चाहने वाले 

बादल के चाहने वाले हर राजनीतिक दल में मिलेंगे। भाजपा से राजनीतिक गठबंधन टूटा लेकिन रिश्ते बरकरार रहे। अब अकाली दल में इसकी कमी जरूर खलेगी। सुखबीर सिंह बादल के हाथ में जब से पार्टी  की कमान आई है, तब से अकाली दल का परफॉरमेंस लगातार गिर रहा है।

भाजपा को मिल सकता है फायदा

लोगों का मानना है कि अब अकाली दल के कमजोर होने का फायदा भाजपा को मिल सकता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा इसे भुनाने की भी कोशिश कर सकती है। उदहारण के रूप में भाजपा ने यूपी में मुलायम सिंह यादव को एक विशेष पार्टी के छवि से बाहर निकालकर समाजवादी नेता के तौर पर पेश किया, उसी तरह प्रकाश सिंह बादल को भी पंजाब में भाईचारे के मिसाल की तौर पर पेश कर सकती है।

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