संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
दिल्ली (Wheat Prices Will decrease soon, Goverment take Big Decision): महंगाई को लेकर आम आदमी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। गेहूं और आटे की कीमतों में आने वाले समय में गिरावट आने की उम्मीद है। सरकार ने खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से गेहूं और आटे की कीमतों में 4 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आ सकती है। इसका अनुमान बाजार के विश्लेषकों की तरफ से लगाया गया है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गेहूं और उसके आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार ने बुधवार को अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने का ऐलान किया। इस गेहूं को भारतीय खाद्य निगम (FCI) के जरिए अगले 2 महीनों में बेचा जाएगा।
सरकार ने बफर स्टॉक मार्किट में बेचने का फैसल तब लिया जब एक साल में आटे के दाम 40 प्रतिशत तक बढ़े हैं। आटा खुले में 38-40 रुपए प्रति किलो और ब्रांडेड पैक में 45-55 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। जनवरी 2022 में जो भाव थे, उसके मुकाबले ये 40% से भी ज्यादा है। सरकार यदि स्टॉक का गेहूं खुले बाजार में जारी नहीं करती है तो आटे के भाव में और तेजी आ सकती है। निर्यात पर पाबंदी के बावजूद जनवरी में गेहूं के भाव 7-10% बढ़े हैं। चालू सीजन के लिए सरकार का न्यूनतम खरीद मूल्य (एमएसपी) 2,125 रुपए प्रति क्विंटल है लेकिन मंगलवार को इंदौर में गेहूं के भाव 3 ,100 रुपए प्रति क्विंटल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली में गेहूं 3,150 रुपए बिका, जबकि देश के कई हिस्सों में ये 3200 रुपए से ऊपर निकल गया।
सरकार की तरफ से जारी गेहूं के स्टॉक को आटा मिल मालिकों को ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा। इसके बाद गेहूं पीसकर 29.50 रुपये के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को पब्लिक सेक्टर यूनिट्स, सहकारिता संघ और अन्य संस्थाओं को 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा। जानकारों का मानना है कि एक बार जब नई गेहूं की फसल बाजार में आनी शुरू हो जाती है, तो मध्य प्रदेश को छोड़कर सभी उत्पादक राज्यों में कीमतें एमएसपी से नीचे गिर सकती हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.