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इंडिडा न्यूज़ (उज्जैन, why prime ministers not spent nights in ujjan): मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोई भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री या राष्ट्रपति रात को नहीं रुकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन किया लेकिन वह भी यहाँ पर रात को नही रुकेंगे, आज तक यहाँ कई प्रधानमंत्री, मंत्री और नेता दर्शन के लिए पहुंचे है लेकिन वह यहाँ रात नही रुकते, आखिर ऐसा क्यों है, आइये आपको बताते है-
Ujjain, MP | PM Modi dedicates to the nation Shri Mahakal Lok to the nation. Phase I of the Mahakal Lok project will help in enriching the experience of pilgrims visiting the temple by providing them with world-class modern amenities.
CM Shivraj Singh Chouhan also present. pic.twitter.com/LAZAjErXu1
— ANI (@ANI) October 11, 2022
लाल बहादुर शास्त्री ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जो उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी आनंद शंकर व्यास के अनुसार प्रधानमंत्रियों में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री यहां दर्शन को आए थे। तब उनके अंकल पंडित सूर्य नारायण व्यास ने शास्त्री जी को मंदिर में पूजन करवाया था। वह भी लेकिन रात में उज्जैन में नही रुके थे.
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 30 दिसंबर 1979 को उज्जैन आकर बाबा महाकाल की पूजा अर्चना की थी। साल 1980 के चुनाव से पहले इंदिरा गाँधी ने महाकाल के दर्शन किए थे। जब इंदिरा गांधी ने मंदिर में प्रवेश किया, तब वहाँ भस्म आरती चल रही थी, इसलिए उन्होंने बाहर से ही दर्शन किए और नारियल व भेंट रखकर लौटने लगीं।
फिर वह गर्भगृह के गलियारे में करीब 20 मिनट तक रुकी रहीं। भस्म आरती के बाद उन्होंने मंदिर में करीब 35 मिनट तक पूजन किया था। साल 1980 के चुनाव के बाद इंदिरा गाँधी दोबारा देश की प्रधानमंत्री बनीं थी। इंदिरा गाँधी ने भी उज्जैन में रात नही गुजारी थी।
साल 1989 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तत्कालीन कांग्रेस नेता मनोहर बैरागी के लिए चुनाव में प्रचार करने पहुंचे थे। मनोहर बैरागी कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी थे। चुनावी सभा के बाद राजीव गांधी महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। महाकाल का आशीर्वाद लेने के बाद वे करीब 30 मिनट तक मंदिर परिसर में रहे थे। लेकिन उन्होंने भी रात उज्जैन में नही बिताई थी।
महाकाल की नगरी उज्जैन में मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री के रात रुकने को लेकर एक मिथक है। मानता जाता है की बाबा महाकाल उज्जैन के राजाधिराज हैं। ऐसी मान्यता है कि एक राज्य में दो राजा एक साथ नहीं रुक सकते हैं। ऐसा करने पर उसे खामियाजा भुगतना पड़ता है। वह संकटो से घिर जाता है.
राजा भोज के समय से ही कोई भी राजा उज्जैन में रात नही रुकता। यही कारण है कि कोई भी मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री यहां रात नहीं रुकते। जब देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, महाकाल मंदिर में दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे। वे यहां रात रुके थे और फिर उनकी सरकार चली गई थी।
वही कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस येदियुरप्पा ने भी उज्जैन में रात बिताई थी। 20 दिन में उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। दोनों घटनाओं को उज्जैन में रात बिताने से ही जोड़कर देखा जाता है.
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