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बच्चों में अजीब तरह के हेपेटाइटिस का कहर, 35 देशों में मिले 1000 से ज्यादा केस

BY: Harpreet Singh • LAST UPDATED : July 16, 2022, 10:55 am IST
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बच्चों में अजीब तरह के हेपेटाइटिस का कहर, 35 देशों में मिले 1000 से ज्यादा केस

Mystery Child Hepatitis

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली | Mystery Child Hepatitis : कोरोना और मंकीपाक्स की बीच एक नई बीमारी पैर पसार रही है। इस बार बीमारी का शिकार बच्चे हो रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 35 से ज्यादा देशों में हेपेटाइटिस के नए मामले सामने आए हैं। अब तक 1000 से ज्यादा बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस, लीवर की सूजन जैसे मामले आए हैं। यह कोई नई बीमारी नहीं है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस बीमारी का पहला केस 5 अप्रैल को मिल गया था। उसके बाद से लगातार यह बीमारी दुनियाभर के देशों में पैर पसारने लगी है। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके कारण अब तक 22 बच्चों की मौत हो चुकी है।

हेपेटाइटिस के आधे मामले यूरोप में आए

Mystery Child Hepatitis in 35 Countries

Mystery Child Hepatitis in 35 Countries

अगर मामलों की बात करें तो हेपेटाइटिस के आधे मामले तो यूरोप में ही आए हैं। यूरोप के 21 देशों में 500 के करीब केस आए हैं। यूनाइटेड किंगडम में ही 272 केस मिले हैं। यह सभी केस का 27 प्रतिशत है। दूसरे स्थान पर अमेरिका है। जिसमे अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 334 मामले शामिल हैं। जो एक गंभीर विषय है। इसके अलावा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 70 मामले, दक्षिण पूर्व एशिया में 19 मामले, पूर्वी भूमध्यसागरीय में 2 केस मिले हैं।

वहीं 17 देशों में 5 से ज्यादा मामले आए हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, बाल चिकित्सा हेपेटाइटिस के फैलने का जोखिम अभी ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन यदि समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो यह खतरनाक हो जाएगा। हेपेटाइटिस से पीड़ित बच्चों में 60 प्रतिशत को उल्टी, 53 प्रतिशत को पीलिया, 52 प्रतिशत को कमजोरी और 50 प्रतिशत को पेट दर्द की समस्या सामने आई है।

हेपेटाइटिस के लक्षण

इस नई बीमारी के लक्षणों की बात करें तो पहले सभी को बुखार आता है। उसके बाद लक्षणों में फर्क आने लग जाता है। हेपेटाइटिस से पीड़ित बच्चों में 60 प्रतिशत को उल्टी, 53 प्रतिशत को पीलिया, 52 प्रतिशत को कमजोरी और 50 प्रतिशत को पेट दर्द की समस्या सामने आई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस बीमारी से संक्रमित जिन बच्चों के टेस्ट किए गए उनमें से ज्यादातर में हेपेटाइटिस ए से ई मौजूद नहीं था।

एडेनोवायरस हो सकता है कारण

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एडिनोवायरस सर्दी, बुखार, गले में खराश और निमोनिया जैसी बीमारियों की एक का कारण बनता है । यह अब तक मिले हेपेटाइटिस के मामलों में पाए जाने वाला रोग है। यूरोप में, पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट (पीसीआर) द्वारा एडेनोवायरस का पता अब तक 52 प्रतिशत बच्चे हेपेटाइटिस मामलों (193/368) में लगा है। जापान में, यह केवल नौ प्रतिशत मामलों (5/58) में पाया गया। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बच्चों के हेपेटाइटिस के मामलों की सही संख्या कहीं अधिक है।

डब्ल्यूएचओ ने शुरू किया ऑनलाइन सर्वे

यह बीमारी कहां से आई और कहां इसका पहला केस मिला। इस बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। डब्ल्यूएचओ इसके बारे में पता करने के प्रयास कर रहा है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ ने विश्व स्तर पर ऑनलाइन सर्वेक्षण शुरू किया है। जिसमें पिछले पांच साल के डेटा के साथ हेपेटाइटिस के मामलों में मिल रहे लक्षणों की तुलना की जाएगी।

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