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Arun Goyal Resignation: लोकसभा चुनाव की घोषणा में अब आएगी कोई अड़चन? जानें अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे की वजह

Rajesh kumar • LAST UPDATED : March 10, 2024, 11:09 am IST

India News (इंडिया न्यूज़),Arun Goyal Resignation: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। हालांकि, पद छोड़ने का कारण स्पष्ट नहीं है। यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अरुण गोयल पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। इसी के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है, आने वाले दिनों में वह एक राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार होंगे।

सूत्रों के मुताबिक, हाल के दिनों में सीईसी और अरुण गोयल के बीच रिश्तों में कोई खटास नहीं आई है। हालाँकि, उनकी नियुक्ति के बाद से हुई बैठकों में कई मौकों पर विभिन्न मुद्दों पर गोयल की राय सीईसी और अन्य सदस्यों से भिन्न ज़रूर रही है।

सरकार ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए आगे बढ़ाया कदम

सूत्रों का कहना है कि सरकार ने हाल ही में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के नामों पर विचार-विमर्श शुरू किया है। चुनाव आयुक्त की नियुक्ति जल्द ही प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता या सबसे बड़े दल के नेता और एक मनोनीत कैबिनेट मंत्री द्वारा की जाएगी।

अरुण गोयल पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के बाद आयोग द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए। आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आधिकारिक तौर पर स्पष्ट किया था कि वह स्वास्थ्य कारणों से प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अरुण गोयल ने चुनाव आयुक्त पद से अपने इस्तीफे में निजीकरण का जिक्र किया है। उनके इस्तीफे से आयोग के अधिकारी हैरान हैं, वहीं सीईसी अवाक हैं।

लोकसभा चुनाव की घोषणा में कोई बाधा नहीं

इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या अरुण गोयल के इस्तीफे से लोकसभा चुनाव की घोषणा में कोई रुकावट आएगी? दरअसल, अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त के पद से अचानक हटाए जाने के बाद चुनाव आयोग में एकमात्र सीईसी यानी मुख्य चुनाव आयुक्त सदस्य राजीव कुमार बचे हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही लोकसभा चुनाव की घोषणा करने में सक्षम हैं। कोई कानूनी या संवैधानिक बाधा नहीं है। संविधान का अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग के एक ही सदस्य को कार्य करने की अनुमति देता है। इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त, यदि कोई हों, इतनी संख्या में होंगे जितनी संख्या में राष्ट्रपति समय-समय पर निर्णय ले सकते हैं, जिन्हें आयोग में शामिल किया जाएगा।

राष्ट्रपति को भेजा गया इस्तीफा

1993 के बाद से, चुनाव आयोग कभी भी एकल सदस्यीय निकाय नहीं रहा है। अरुण गोयल ने अपना इस्तीफा सीधे राष्ट्रपति को भेज दिया। इसकी प्रति मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को भी नहीं भेजी गयी। हालाँकि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति या पद छोड़ने में सीईसी की कोई भूमिका नहीं होती है, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि कोई चुनाव आयुक्त पद छोड़ते समय अपने इस्तीफे की प्रति या सूचना सीईसी को दे।

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