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India News (इंडिया न्यूज), Air Pollution: देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार प्रदूषण के स्तर में चढ़ाव देखने को मिल रहा है। दिल्ली की हवा में जहर पूरी तरह से घुल चुका है। इसी क्रम में दुनिया के सातवे अजूबे ताज महल की तस्वीरें वायरल हो रही है। जिसमें साफ तौर से देखा जा सकता है कि आज (सोमवार) सुबह मुगल वास्तुकला का सबसे बड़ा परिचय ताज महल धुंए की एक परत से पूरी तरह ढ़क चुका है। प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा दिख रहा है कि इससे ताज महल धूंधला नजर आ रहा है। हालांकि ताज महल की ऐसी तस्वीरे सोशल मीडिया पर पहले भी कई बार आ चुकी है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर का कई वजह बताया जा रहा है। जिसमें धूल और वाहन प्रदूषण, शुष्क-ठंडा मौसम, पराली जलाना, फसल के मौसम के बाद फसल के अवशेष जलाना और यात्रा करना बताया जा रहा है। ठंडी हवा सघन होती है और गर्म हवा की तुलना में धीमी गति से चलती है, इसलिए यह प्रदूषण को फँसा लेती है और दूर नहीं ले जाती है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Taj Mahal in Agra engulfed in a layer of haze today amid the rise in air pollution levels.
(Visuals shot at 9:35 am today) pic.twitter.com/VWFXeX3CFz
— ANI (@ANI) November 6, 2023
इसका मतलब यह है कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में वायु प्रदूषण अधिक समय तक बना रहता है। बता दें कि ताज महल का संगमरमर वायुजनित कणों के कारण बदरंग होता जा रहा है। जो काले कार्बन, प्रकाश-अवशोषित भूरे कार्बन और धूल से बना है।
बता दें कि Air Pollution को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय लगातार कंट्रोल करने की कोशिश में लगे हैं। जिसके लिए जीआरएपी चार लागू किया गया है। जिसके तहत कई पाबंदियां भी लगाई गई है। साथ ही शहर में चलने वाले वाहनों के लिए Odd-Even योजना शुरू की गई है। Odd-Even नंबर में समाप्त होने वाले पंजीकरण संख्या वाले वाहन वैकल्पिक दिनों में चलेंगे। वहीं डॉक्टरों का कहान है कि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से अधिक हो गया है। जिससे की फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है। यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी पैदा हो सकता है।
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