जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे पर...', दोस्त सतीश कौशिक को याद कर छलके अनुपम खेर के आंसू - India News
होम / जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे पर…', दोस्त सतीश कौशिक को याद कर छलके अनुपम खेर के आंसू

जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे पर…', दोस्त सतीश कौशिक को याद कर छलके अनुपम खेर के आंसू

Akanksha Gupta • LAST UPDATED : March 11, 2023, 1:55 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे पर…', दोस्त सतीश कौशिक को याद कर छलके अनुपम खेर के आंसू

Anupam Kher On Satish Kaushik

Anupam Kher On Satish Kaushik: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और डायरेक्टर सतीश कौशिक का गुरुवार, 9 मार्च को निधन हो गया है। उनके निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। किसी के लिए इस बात का यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। इसी बीच अभिनेता अनुपम खेर ने अपने करीबी दोस्त सतीश कौशिक की याद में एक इमोशनल वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि सतीश कौशिक यारों के यार थे। उनके लड़ाई-झगड़े होते थे मगर रोज सुबह एक-दूसरे से फोन पर बात करते थे।

“आदत बन जाती है 45 साल की दोस्ती”

अनुपम खेर ने वीडिया में कहा, “मैं आप लोगों से इसलिए बात कर रहा हूं क्योंकि मैं अपने दोस्त सतीश कौशिक को खोने के कारण बहुत ज्यादा दुखी हूं और यह मुझे मार रहा है क्योंकि 45 साल की दोस्ती बड़ी गहरी होती है। एक आदत सी हो जाती है। एक ऐसी आदत, जिसे आप छोड़ना नहीं चाहते है। और वो जबसे गया है तो कभी-कभी… जैसे आज मैं सोच रहा था कि मैं कहां खाना खाऊं, क्या खाना खाऊं। फिर मैंने कहा कि अरे सतीश को फोन करता हूं। मैंने फोन उठाया और मैं उसका नंबर डायल करने वाला था कि तभी याद आया…बहुत मुश्किल है मेरे लिए क्योंकि 45 साल एक बहुत बड़ा समय है, किसी के साथ होने का।”

रोज सुबह 8 बजे एक-दूसरे को करते थे फोन

उन्होंने आगे कहा, “हम दोनों ने सपने साथ में देखे थे। हम दोनों ने साथ में जिंदगी की शुरुआत की थी, नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से जुलाई 1975 में। इसके बाद हम साथ बैठते थे। वो डे स्कॉलर था और मैं हॉस्टलर था। फिर उसके घर खाना-बैठना। फिर बॉम्बे वो पहले आ गया था, मैं बाद में आया। फिर हमने बहुत मेहनत की, इस मुकाम पर पहुंचे और कामयाबी हासिल की। हम दोनों एक-दूसरे से जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे, पर फोन रोज सुबह 8 या साढ़े 8 एक-दूसरे को करते थे। तो मेरा कल से किसी चीज में दिल नहीं लग रहा था, फिर मैंने सोचा कि मैं क्या करूं? मुझे मूवऑन करना होगा। मेरे पिता का निधन हुआ तो मैंने मूवऑन किया।”

“इस लॉस को कभी भुला नहीं पाऊंगा”

अनुपम खेर ने कहा, “जब हम किसी को खो देते हैं या कोई हमारी जिंदगी से चला जाता है तो हमें मूवऑन करना पड़ता है। जिंदगी भी हमें यही सिखाती है और यही हमें सीखना भी है। तो मैंने सोचा कि जो मैं मन में सोच रहा हूं, वो सब मैं आप लोगों के साथ शेयर करूं तो मैं कुछ बेहतर महसूस कर सकूंगा।” इतना बोलते ही उनका गला भर आता है और वह रोने लगते हैं। जिसके बाद वह खुद को संभालते हुए कहते हैं, “मुझे मूवऑन करना है। मतलब यह कि मैं इस लॉस को कभी भुला नहीं पाऊंगा, लेकिन जिंदगी तो आगे बढ़ानी पड़ती ही है ना।”

दोस्तों का दोस्त था वो- अनुपम खेर

“इसलिए जरूरी है कि मैं जिंदगी को आगे बढ़ाऊं और वो चीजें करूं जिनसे उसे खुशी हो। बड़ा मुश्किल है, लेकिन कोशिश करता हूं दोस्तों। उसे बहुत खुशी होगी। वह बहुत अच्छा था। बहुत स्ट्रेंथ थी उसमें। दोस्तों का दोस्त था वो। जिंदगी चलती रहनी चाहिए। तो चलिए इसे आगे बढ़ाते हैं और इस चैप्टर को मैं अपने दिल से लगाऊंगा और कोशिश करूंगा कि उसको खुश करूं क्योंकि वो चाहेगा कि मैं खुश रहूं। मेरे प्यारे दोस्त सतीश कौशिक, तू हमेशा मेरे दिल में रहेगा।”

Also Read: सतीश कौशिश के निधन से बुरी तरह टूट गए अनुपम खेर, दोस्त की अंतिम विदाई में फूट-फूटकर रोए एक्टर

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ad banner