India News (इंडिया न्यूज़), Bishnoi Samaj History: 12 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं राकांपा (एनसीपी) नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मार कर हत्या की गई थी। कुछ दिन बाद पता चला कि, लॉरेंश बिश्नोइ की गैंग ने ही बाबा सिद्दी पर गोली चलवाई थी। बाबा सिद्दी की मौत के बाद राजनीति जगह से लेकर बॉलीवुड जगह तक शौक की लहर दौड़ गई। इस घटना के बाद लगातार लॉरेंश बिश्नोइ की तरफ से धमकी भरे पोस्ट मिलने लगे। सूत्रों के अनुसार, सलमान खान को भी जान से मारने की धमकी दी गई। जिसके चलते ही सलमान खान के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी है। इन सभी खबरों के बीच लॉरेंश बिश्नोई को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। इतना ही नहीं बिश्नोई समाज की कहानी क्या है कैसे इसकी स्थापना हुई सब जानने की कोशिश कर रहे है। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे बिश्नोई समाज की कहानी के बारे में साथ ही वो चीजें जो आपकों नहीं पता।
बिस्नोई समाज की स्थापना 15वीं शताब्दी में गुरु जम्भेश्वर ने की थी। गुरु जम्भेश्वर जी ने अपने समाज के लोगों को कुछ जरूरी सिद्धांत दिए, जिन्हें “बीस नियम” के नाम से जाना जाता है। बिस्नोई समाज ने हमेशा पर्यावरण की रक्षा, मानवता के प्रति दया, और समाज में भाईचारा बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने हमेशा अपने अनुयायियों को सत्य, अहिंसा, और पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने का उपदेश दिया। बिस्नोई समाज ने 20 नियमों का पालन करने का प्रण लिया, जिनमें पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों और जल का संरक्षण शामिल है।
बिश्नोई समाज की पहचान और इसके ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ हाल के आपराधिक मामलों में इसके नाम की चर्चाएं एक गंभीर मुद्दा है। बिश्नोई समुदाय, जिसे अहिंसा और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक माना जाता है अब इसका नाम आपराधिक मामलों में ज्यादा जोड़ा जा रहा है। बिश्नोई समाज की नींव गुरु जंभेश्वर जी महाराज ने रखी। वे 1451 में राजस्थान के नागौर में जन्मे और उनके सिद्धांतों ने अहिंसा, प्रकृति संरक्षण और सामाजिक समरसता पर जोर दिया। उनका मानना था कि सभी जीवों का सम्मान होना चाहिए। बिश्नोई खुद को हिंदू मानते हैं, लेकिन उनका पंथ अलग है। “बिश्नोई” नाम “बिस” (दस) और “नोई” (नियम) से मिलकर बना है, जो 29 नियमों का पालन करने की प्रेरणा देता है, जिनमें से अधिकांश प्रकृति और जीवों की रक्षा से संबंधित हैं।
हाल के सालों में बिश्नोई नाम के साथ जुड़े अपराधों ने समाज की छवि पर गहरा असर ड़ाला है। जैसे कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या और सलमान खान के मामले में बिश्नोई गैंग का नाम सामने आया। इससे समाज के लोग चिंतित हैं और इसकी पहचान को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। बिश्नोई समाज ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि अपराधी गैंग को उनके नाम से संबोधित किया जा रहा है। समाज का मानना है कि ऐसे गैंग को “लॉरेंस गैंग” कहा जाना चाहिए, न कि “बिश्नोई गैंग”।
हर जगह नंबर 1 होते हैं इस ब्लग्रुप के लोग, अपनी बुद्धि और कॉन्फिडेंस से जीत लेते हैं सबका भरोसा!
बिश्नोई समाज ने इतिहास में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। बिश्नोई लोगों ने हमेशा पेड़ों और वन्यजीवों की रक्षा की है। यह समाज कुख्यात “केजरीवाल के पेड़” की रक्षा के लिए प्रसिद्ध है, जहां महिलाओं ने अपनी जान की बाजी लगाकर पेड़ों को काटने से रोका था। बिश्नोई समाज ने महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए भी आवाज उठाई है। इन सभी पहलुओं से स्पष्ट है कि बिश्नोई समाज का एक समृद्ध और महत्वपूर्ण इतिहास है, जो उनके सिद्धांतों और कार्यों के माध्यम से परिलक्षित होता है। हाल के अपराधी संदर्भों से उनकी पहचान को लेकर चिंताएं केवल इस समाज की अच्छाई और सकारात्मकता को बचाने का प्रयास हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.