संबंधित खबरें
2025 में इस नाम वाले लोगों पर होगी पैसों की बरसात, बाबा वेंगा ने कर दी बड़ी ये भविष्यवाणी, इन 5 राशियों के लिए खुलेगा किस्मत का दरवाजा
इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
अंतिम संस्कार कर घर गया परिजन, जब सुबह अस्थियां लेने गया तो हुआ कुछ ऐसा…बुलानी पड़ गई पुलिस
रशियन लड़कियों की इस एक चीज के दिवाने हैं भारत के लड़के, देश की इन 3 जगहों पर मिलेंगी ज्यादा रूसी महिलाएं
छात्र को नशा देकर महिला टीचर ने 20 से अधिक बार बनाया संबंध, आफ्टर स्कूल कार्यक्रम के बहाने करती थी ये घिनौना काम, अब कोर्ट ने दी ऐसी सजा नहीं भूल पाएंगी 7 पुश्तें
पकड़ा Akhilesh Yadav का खेल? CM Yogi के सिंघमों को बदनाम करने की कोशिश फेल…वीडियो ने खोली पोल
India News (इंडिया न्यूज़) Chhath Puja 2023 : भारत में त्यौहारों की शुरुआत हो गई है। दिवाली के बाद अब पूरे उत्तर भारत में छठ पूजा (Chhath Puja 2023) की तैयारी शुरु हो चुकी है। छठ (Chhath Puja) बिहार-यूपी के मुख्य त्योहार माना जाता है। छठ पूजा (Chhath Puja) में सूर्य देव और षष्ठी माता की पूजा की जाती है। हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है।
दिवाली के तुरंत बाद कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मानाया जाता है।इस साल यह त्योहार 17 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 नवंबर तक चलेगा। इस महापर्व में छठी मैया के साथ सूर्य भगवान की विशेष पूजा की जाती है। छठ पूजा के उपरांत छठव्रती को 36 घंटे के कठिन व्रत का पालन करना पड़ता है।
दो दिनों के क्रियाकलापों के बाद पूजा के तीसरे दिन, व्रती डूबते हुए सूर्य को जल देती है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को जल अर्पित कर महापर्व का समापन करती है। हिंदू धर्म में सूर्य को प्रत्येक ऊर्जाओं का स्रोत माना जाता है। यह व्रत पुरुषों और महिलाओं द्वारा मुख्य रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
हिंदू धर्म में सूर्य भगवान की पूजा करना फलदायी माना गया है। रोजाना प्रात: काल सूर्य भगवान को जल अर्पित करने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं और जीवन में सारे दुख धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। छठ महापर्व पर सूर्य भगवान की पूजा करने से इसका महत्व और अधिक हो जाता है। हिन्दु धर्म के अनुसार, नियमित तौर से सूर्य भगवान को जल अर्पित करने से घर के सभी दोष दूर होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। समाज में आपका मान- सम्मान और गौरव में भी वृद्धि होता है।
हिंदु ग्रंथो के मुताबिक छठी मैया भगवान विष्णु की मानस पुत्री हैं। और यह भी माना जाता है कि छठी मैया सूर्य भगवान की बहन हैं। उन्हें दुर्गा के रूप में देवी कात्यायनी का अवतार माना जाता है। यह भी माना जाता है कि जब ब्रह्मांड के निर्माण के वक्त ब्रह्मा जी ने खुद को दो हिस्सों में बाट लिया था। जिसमें एक हिस्सा पुरुष बना और दुसरे ने महिला का रूप धारण कर लिया। यही बाद में प्रकृति माँ बन गईं जो कि प्रकृति मां ने अपने आप को छः हिस्सों में बांट दिया। इसमें से अंतिम रूप ‘छठी’ को कहा गया है।
Also Read –
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.