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India News (इंडिया न्यूज), Climate Change new Study: आज के समय में इंसानों को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां हर दिन लोगों के सामने आ रही हैं। इनमें से कुछ भविष्यवाणियां कभी-कभी हमारे सामने इस तरह से आती हैं कि वो हम इंसानों के लिए चिंताजनक हो जाती हैं। ये बातें सिर्फ ज्योतिष के आधार पर ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार पर भी कही जाती हैं। ऐसी ही एक वैज्ञानिक भविष्यवाणी इन दिनों लोगों के बीच चर्चा में है। जिसके बारे में जानकर आज पूरी दुनिया हैरान नजर आ रही है।
अंग्रेजी वेबसाइट डेली स्टार में छपी खबर के मुताबिक लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन ने रिसर्च कर दुनिया के सामने एक भविष्यवाणी रखी है। जिसमें कहा गया है कि साल 2015 से 2099 के बीच कुछ ऐसा होगा कि यूरोप में 58 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाएगी। इतनी बड़ी तबाही का कारण हम खुद हैं और ये हम सभी के लिए एक चेतावनी की तरह है।
इस रिसर्च में उन मौतों का जिक्र किया गया है जो जलवायु परिवर्तन की वजह से होंगी। हैरान करने वाली बात यह है कि इसका असर सिर्फ गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी देखने को मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या ठंड से होने वाली मौतों से कहीं ज्यादा होगी।
इस शोध के मुख्य लेखक डॉ. पियरे मैसेलोट ने कहा कि यह रिपोर्ट इसलिए जारी की गई है ताकि दुनिया जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी को लेकर तुरंत कदम उठा सके।
इस रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि बार्सिलोना वह जगह होगी जहां गर्मी के कारण सबसे ज्यादा मौतें होंगी, जबकि इसके बाद रोम, नेपल्स और मैड्रिड शामिल हैं और आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन का असर सबसे ज्यादा यहीं देखने को मिलेगा। इसके अलावा इस शोध में यूरोप के कुल 854 शहरों को शामिल किया गया है।
डॉ. पियरे मैसेलोट ने अपने शोध के अंत में लिखा कि अगर हमने अभी इस पर काम करना शुरू नहीं किया तो 5,825,746 लोग अपनी जान गंवा देंगे। इस रिपोर्ट के मुताबिक यह शोध सिर्फ यूरोप ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी से भरा है।
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