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इंसानों के मरने से कम हो जाता है धरती का बोझ? सच्चाई जाकर फटी रह जाएंगी आंखे

BY: Deepak • LAST UPDATED : January 29, 2025, 6:09 pm IST
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इंसानों के मरने से कम हो जाता है धरती का बोझ? सच्चाई जाकर फटी रह जाएंगी आंखे

Earth Burden

India News (इंडिया न्यूज), Earth Burden: क्या वाकई में किसी के मरने से धरती का बोझ कम हो जाता है? आपने अपने बुजुर्गों या आस-पास के लोगों को कई बार यह कहते सुना होगा कि मौत से धरती का बोझ कम हो जाता है। अब सवाल यह है कि क्या वाकई इंसानों की मौत से धरती का बोझ कम हो जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि मौत से धरती का बोझ कम होता है या नहीं। लोग यह लाइन क्यों कहते हैं?

पृथ्वी पर जनसंख्या

पृथ्वी पर इंसानों की आबादी लगातार बढ़ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी धरती पर कितने करोड़ लोग रहते हैं? आज हम आपको सबसे पहले बताएंगे कि धरती पर इंसानों की आबादी कितनी है। आपको बता दें कि फिलहाल दुनिया की आबादी 800 करोड़ से भी ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले 20 सालों में यह संख्या 900 करोड़ को पार कर जाएगी।

पृथ्वी का वजन कितना है

अब सवाल यह है कि पृथ्वी का वजन कितना है? पृथ्वी का वजन कितना है, इसे लेकर वैज्ञानिकों के अलग-अलग दावे हैं। दरअसल, पृथ्वी का वजन उसके गुरुत्वाकर्षण बल की ताकत पर निर्भर करता है। आसान भाषा में कहें तो पृथ्वी का वजन लाखों किलोग्राम है। नासा के अनुसार, पृथ्वी का वजन 5.9722×1024 किलोग्राम है। इसे 13.1 सेप्टिलियन पाउंड में भी मापा जाता है। पृथ्वी का वजन घटता-बढ़ता रहता है।

क्या इंसानों के मरने से पृथ्वी पर बोझ कम हो जाता है?

कई बार आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि लोगों के मरने से पृथ्वी पर बोझ कम हो जाता है। या कुछ लोग कहते हैं कि ये इंसान पृथ्वी पर बोझ हैं। लेकिन विज्ञान के अनुसार, यह लाइन आम बोलचाल की भाषा में ही सही है। दरअसल, लोगों के मरने या पैदा होने से पृथ्वी पर बोझ में बहुत ज़्यादा बदलाव नहीं आता। गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी का वजन घटता-बढ़ता रहता है। इसका मृत्यु से कोई संबंध नहीं है।

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सौ साल में जनसंख्या में वृद्धि हुई

वैज्ञानिकों के अनुसार, पहले पृथ्वी पर जनसंख्या बहुत ज़्यादा नहीं थी। पहले पृथ्वी पर मनुष्यों की जनसंख्या बहुत कम थी। वैज्ञानिकों के अनुसार, दस हज़ार साल पहले तक पृथ्वी पर सिर्फ़ कुछ लाख लोग थे। अठारहवीं सदी के अंत में पृथ्वी की जनसंख्या एक अरब के आंकड़े को छू गई। वर्ष 1920 में पृथ्वी पर 200 करोड़ लोग थे।

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